व्यंग्यवाणीसाहित्यहिन्दी

हिंदी हास्य कविता: उनकी की होली कैसी होगी? – रामकृष्ण पोखरियाल

चुनाव से जिनकी खाट खड़ी है 
भाग्य की पेटी बंद पड़ी है 
समर्थकों की अकल चढ़ी है 
आजकल जिनकी नहीं तड़ी है 
फिर जीवन रंगोली कैसे होगी 
तुम ही बताओ हमको यारों 
उनकी होली कैसे होगी? 

14 फरवरी तक खूब चिल्लाए 
वादों के सपने दिखलाए 
कोई डबल इंजन को लेकर 
कहीं सिलेंडर के दाम घटवाए 
झाड़ू को हथियार बनाकर
दिल्ली के भी संदेश दिखलाए 
ऊंट किधर करवट बैठेगा 
कोई तो मालों- माल बनेगा, 
कोई बनेगा फकीरा जोगी 
तुम ही बताओ हमको यारों 
उनकी होली कैसे होगी? 

नारों में सितारे दिखलाए 
समर्थकों ने ऐश उडा़ए 
प्रचार में खूब नोट उड़वाए 
वोटर ने पसीने छुड़वाए 
असमंजस के बादल छाए 
घावों पर मरहम सहलाए 
अब रातों को नींद नहीं है 
11 की सुबह फिर कैसे होगी 
तुम्हीं बताओ हमको यारों 
उनकी होली कैसे होगी? 


(रचनाकार रामकृष्ण पोखरियाल कवि, साहित्यकार और शिक्षक हैं।)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button