BKTC: पदाधिकारियों ने अजेंद्र अजय के कार्यकाल को बताया ऐतिहासिक

देहरादून। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अब तक के कार्यकाल को ऐतिहासिक बताया है। कहा कि उनकी अगुवाई में यात्री सुविधाओं के विकास से लेकर समिति के आधारभूत ढांचे तक में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं। सभी कार्यों में पूरी पारदर्शिता अपनायी जा रही है।
बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर सिंह पंवार, सदस्य डॉ. वीरेंद्र असवाल, श्रीनिवास पोस्ती, महेंद्र शर्मा, कृपाराम सेमवाल, नंदा देवी, रणजीत सिंह राणा, पुष्कर जोशी, राजपाल जड़धारी और जयप्रकाश उनियाल ने संयुक्त बयान जारी किया है। कहा कि मौजूदा समिति के कार्यकाल में विभिन्न व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाये गए हैं।
वर्ष 1939 में गठित बीकेटीसी में कार्मिकों के लिए सेवा नियमावली नहीं थी। वर्तमान समिति के प्रयासों से नियुक्तियों व पदोन्नति में पारदर्शिता के लिए कार्मिकों के लिए सेवा नियमावली बनाई गई। सेवा नियमावली शासन को भेजने से पूर्व समिति की विशेष बैठक में चर्चा की गई। नियमावली में परंपराओं व धार्मिक मान्यताओं का पूरा ध्यान रखा गया है। हक- हकूकों से संबंधित विषयों को शामिल किया गया है।
बीकेटीसी पदाधिकारियों ने कहा कि अगर किसी को कुछ आशंका है, तो विवाद की जगह उसका वार्ता कर समाधान तलाशा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बीकेटीसी में वित्तीय पारदर्शिता कायम करने के लिए वित्त अधिकारी का पद सृजित करा कर शासन से प्रदेश वित्त सेवा के अधिकारी की तैनाती कराई गई है। मंदिरों के पुनर्निर्माण व जीर्णोद्वार के कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। बाबा केदार की शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण व सौंदर्यीकरण जैसी महत्वाकांक्षी योजना पर कार्य शुरू किया गया।
बताया कि वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ धाम में ध्वस्त हुए ईशानेश्वर मंदिर का रिकॉर्ड अवधि में पुनर्निर्माण किया गया। केदारनाथ धाम में यात्री सुविधाओं के लिए रैन शेल्टर से लेकर बीकेटीसी के कार्यालय व कार्मिकों के लिए भवन निर्माण जैसे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर संपन्न करवाया गया। मंदिरों में दर्शन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बीकेटीसी का अपना सुरक्षा संवर्ग तैयार किया गया है। कुशल वित्तीय प्रबंधन के चलते मंदिर समिति की आय में वृद्धि हुई है।