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Big Breaking: 20 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

विजयदशमी के दिन पंचांग गणना के बाद तिथि हुई घोषित

शिखर हिमालय डेस्क
बदरीनाथ। इसवर्ष भू बैकुंठ बदरीनाथ धाम मंदिर के कपाट 20 नवंबर के दिन शाम 6.45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। परंपरा अनुसार विजयदशमी के पर्व पर मंदिर परिसर में मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की उपस्थिति में पंचांग गणना के बाद कपाटबंदी का मुहूर्त घोषित किया गया।

विजयदशर्मी के दिन पूर्व निर्धारित परंपराओं के अनुसार बदरीनाष्थ मंदिर परिसर में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की उपस्थिति में धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने सहयोगी वेदपाठी आचार्यों के साथ पंचांग गणना की। जिसके बाद रावल ने कपाटबंदी का मुहूर्त घोषित किया। इस दौरान हकहकूकधारियों को नए वर्ष के लिए उनकी जिम्मेदारियां भी निर्धारित की गई।

देवस्थानम बोर्ड के अनुसार कपाट बंदी की प्रक्रियाएं 16 नंवबर से शुरू हो जाएंगी। इस दिन पूजा अर्चना के बाद सबसे पहले सायकाल में गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। 17 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर, 18 नवंबर को खड़ग पुस्तक पूजन के साथ शाम से वेद ऋचाओं का पाठ संपन्न होगा। 19 नवंबर को महालक्ष्मी पूजन एवं लक्ष्मी जी को न्योता और 20 नवंबर को प्रातः भगवान का शृंगार और शाम को शाम 6.45 बजे मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे।

इसी क्रम में 21 नवंबर को उद्धवजी और कुबेरजी की विग्रह प्रतिमाएं पांडुकेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी जोशीमठ के लिए प्रस्थान करेगी। रात्रि विश्राम योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर और फिर 22 नवंबर की सुबह यह यात्रा जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी।

उधर, ग्याहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ मंदिर के कपाट इस वर्ष भैयादूज के दिन छह नवंबर को बंद किए जाएंगे। जबकि यमुनोत्री के कपाट भी इसी दिन बंद होंगे। वहीं, गंगोत्री के कपाट गोवर्धन पूजा के दिन पांच नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे।

इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, कार्याधिकारी सुनील तिवारी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वेदपाठी सत्यप्रसाद चमोला, रविंद्र भट्ट, आलोक मेहता आदि मौजूद रहे।

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