Uttarakhand CM: उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा को दोबारा मिले बहुमत और सीएम पुष्कर सिंह धामी की हार के बाद कई नेताओं ने मुख्यमंत्री बनने के सपने संजो लिए थे। यहां तक कि उन्होंने इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए पूरजोर कोशिशें भी की। लेकिन उनके सपने इसबार भी छन से टूट गए।
बता दें, कि भारतीय जनता पार्टी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को ही 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर पेश किया था। यहां तक कि बाकायदा ‘मोदी धामी सरकार’ की टैग लाइन गढ़ कर उसे खूब प्रचारित भी किया। जिसका परिणाम बहुमत के जादुई आंकड़े से भी ज्यादा 47 सीट के रूप में पार्टी को मिला। लेकिन मोदी धामी सरकार का मुख्य किरदार धामी चुनाव हार गए, तो पार्टी नए सीएम के चुनाव को लेकर पसोपेस में फंस गई।
तो दूसरी तरफ कुछ पार्टी नेताओं के लिए यह अवसर अपने माफिक लगा। उन्होंने तुरंत ही दिल्ली की दौड़ लगा डाली। हाईकमान से लेकर तमाम केंद्रीय कदावर नेताओं से ‘शिष्टाचार’ मुलाकातों के जरिए लॉबिंग की कोशिशें भी हुई। यहां तक कि विधायकों के बीच भी खुद के लिए स्पेस बनाने के प्रयास हुए। साथ ही अपने समर्थकों के जरिए खुद को संभावित सीएम के बतौर खूब उछाला भी गया।
जिसके चलते हाईकमान ने भी कई दौर की बैठकों में तमाम संभावनाओं को तलाशा और आखिरी में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह व मीनाक्षी लेखी को बतौर पर्यवेक्षक देहरादून भेजने का ऐलान किया। तारीखें बदलती रही और आज आखिर में विधानमंडल दल की बैठक में धामी के नाम पर फिर से मुहर लगा दी गई।
नतीजा, जो सपनों को संजोए बैठे थे, उनका सीएम बनने का ख्वाब छन से टूट गया। हालांकि उन्होंने प्रदेश के 12वें सीएम पुष्कर सिंह धामी को बधाईयां देने वाले समाचार प्रकाशित करा दिए हैं। अब उनका सपना सिर्फ मंत्रिमंडल में अपनी जगह बनाने के आसरे ही साकार होने तक ठहर गया है।