Uttarakhand Politics: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किस विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ेंगे, इस पर निर्णय आने में अभी काफी वक्त लग सकता है। मगर, फिलहाल कयासबाजियों का दौर है। उनकी संभावित सीट में अब एक और विधानसभा का नाम भी जुड़ गया है। हालांकि फैसला शीर्ष नेतृत्व ने करना है, फिर भी उनकी चाहत में इस सीट को भी जोड़ने की बात सामने आई है।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने लिए परंपरागत सीट खटीमा को चुना। लेकिन वे एक बड़े अंतर से यहां चुनाव हार गए। जिसके बाद नेतृत्व को लेकर कई दिनों तक देहरादून से दिल्ली तक कवायदों और कयासबाजियों के दौर चलते रहे। अंततः भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हीं पर दोबारा भरोसा जताया। जिसके बाद से ही उनके उपचुनाव लड़ने को लेकर तमाम तरह की अटकलें मीडिया की सुर्खियों में हैं।
बता दें कि खटीमा सीट से हारने और बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद ही पार्टी के पांच निर्वाचित विधायकों ने धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने की बात कही। जिनमें कैलाश गहतोड़ी चंपावत, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट लालकुआं, मोहन सिंह महरा जागेश्वर, प्रदीप बत्रा रुड़की और सुरेश गड़िया कपकोट के नाम शामिल हैं। वहीं, खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी धामी को अपनी सीट ऑफर की है। यहां तक की डीडीहाट सीट को भी उनके उपचुनाव के लिए उपयुक्त बताया गया।
अब पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद से एक और चर्चा चल निकली है कि सीएम धामी के देहरादून जिले की कैंट विधानसभा भी सुरक्षित हो सकती है। उक्त कार्यक्रम में उनका कहना था कि वह पिछले 27 वर्षों से कैंट क्षेत्र में ही रह रहे हैं। इस बयान को उनकी चाहत से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, मीडिया रिपार्ट्स में यह बात भी सामने आ रही है कि पार्टी के भीतर पर इस सीट को लेकर खासी चर्चा है।
इस सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। हरबंश कपुर इस क्षेत्र से 8 बार विधायक रहे और अब उनके अवसान के बाद उनकी पत्नी सविता कपूर कामयाब रही हैं। ऐसे में संभव है कि धामी देहरादून में ही कैंट से उपचुनाव की दावेदारी करें। हालांकि अटकलों के बाजार में किसी कांग्रेसी विधायक से सीट छुड़वाने की बात भी खूब उछाली जा रही है। कुल जमा धामी ने खुद के चुनाव लड़ने की बात को हाईकमान पर छोड़ा है।