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.. तो 2022 के बाद शुरू होगी ‘घर कुड़ी रक्षक पेंशन’

बीते 21 वर्षों से उत्तराखंड में सत्तासीन हुई अब तक की सरकारें पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए हमेशा ही हांका लगाती रही हैं। बावजूद इसके राज्य निर्माण के बाद पलायन कम होने की बजाए और ज्यादा बढ़ा। अब राजनीतिक दलों के दरवाजे पर खड़े चुनाव के ऐन पहले जनता से एक सुझाव आया है। अमल में आया तो कारगर होगा या नहीं, कहना मुश्किल है। लेकिन जनता से आया यह सुझाव बेशक नायाब है।

इनदिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम हरीश रावत उत्तराखंड में जनता के बीच लगातार सक्रिय हैं। इसी दरमियान उन्हें कई चमत्कारिक सुझावों में से यह सुझाव भी मिला है, कि पलायन को रोकने के लिए पहाड़ों पर रहने वाले लोगों को पेंशन योजना से जोड़ा जाए। हरदा ने इस बात का जिक्र कर पार्टी में रखने और भविष्य में उसे योजना में शामिल करने की बात कही है।

बकौल, रावत कि ”जब आप लोगों के बीच जाते हैं तो बहुत सारे चमत्कारिक सुझाव मिलते हैं। बेबसी के पलायन के खिलाफ एक सुझाव उन लोगों को पेंशन योजना में सम्मिलित करने का है, जो लोग घर-कुड़ी के रक्षक हैं। जिन्होंने गांव में अपने मकान के दरवाजे खोलकर रखे हैं। उन लोगों के लिए सम्मानपूर्ण जीविकोपार्जन के लिए एक ‘घर कुड़ी रक्षक पेंशन योजना’ का सुझाव कल मेरे सम्मुख आया। मैं अपने पार्टी के साथियों से विमर्श कर इसको कांग्रेस की भविष्य की योजना में सम्मिलित करूंगा।“

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