Dehradun: सीएम ने किया NSE की गौरव योजना का शुभारंभ
उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना और शोध अनुदान वितरण भी शुरू

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास सभागार में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्रों एवं युवाओं के कौशल विकास हेतु नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की गौरव योजना के अलावा मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना व शोध अनुदान वितरण का शुभारंभ किया। कहा कि इन योजनाओं से उच्च शिक्षा में शोध को एक नई दिशा मिलेगी। उच्च शिक्षण संस्थाओं का गुणात्मक विकास होगा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
बैठक में बताया गया कि उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना व शोध अनुदान वितरण के अन्तर्गत प्राप्त 500 शोध प्रस्तावों में से चयनित 44 शोध प्रस्तावों के लिए लगभग तीन करोड़ छियासठ लाख रुपये की शोध अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। प्रथम किश्त के रूप में लगभग एक करोड़ तिरासी लाख रुपये डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे राज्य के युवाओं के कौशल संवर्धन और उनको प्लेसमेण्ट देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के साथ गौरव योजना के लिए एमओयू भी हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड छोटा राज्य होने के बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में नित नए मापदंड स्थापित कर रहा है। विगत कुछ वर्षों में राज्य के उच्च शिक्षा के गुणात्मक विकास के लिए अनेक योजनाओं के माध्यम से सरकार द्वारा निरन्तर अभिनव प्रयास किए गए हैं। इन्हीं प्रयासों की शृंखला में राज्य की महत्वाकांक्षी योजना ‘मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना’ की शुरूआत की गई है।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उच्च गुणवत्ता के शोध द्वारा न सिर्फ संबंधित व्यक्ति और संस्थान की पहचान स्थापित होती है, बल्कि मानवता के लिए नए अवसरों और विकल्पों की तलाश हो पाती है। शोध किसी राज्य की सीमा से परे संपूर्ण विश्व के लिए सहायक होता है। कहा कि शोध और नवाचार से राज्य और समाज को एक नई दृष्टि मिलेगी और उच्च शिक्षण संस्थाओं का गुणात्मक विकास होगा।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मुंबई रोड शो के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ हुआ हमारा समझौता एक गेमचेंजर साबित होने जा रहा है। इस प्रयास को और अधिक पुष्ट और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ आज एक एमओयू भी किया गया है, जो बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में बढ़ रही संभावनाओं का सही उपयोग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक इस क्षेत्र में पांच गुना विस्तार की संभावनाएं हैं। एनएसई के सहयोग से हम उच्च शिक्षा में अध्यनरत छात्रों सहित अन्य युवाओं को इसके लिए उपयुक्त मानव संसाधन के रूप में परिवर्तित कर सकते हैं, जिसके दूरगामी परिणाम दिखेंगे। कहा कि आजकल शेयर बाजार के माध्यम से निवेश करने की लालसा बढ़ती जा रही है, परंतु इसमें निवेश करने से पहले वित्तीय विश्लेषण और गहन समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, उच्च शिक्षा के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के समझौते की एक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, जिसके माध्यम से, छात्रों को अच्छी तरह से वित्तीय ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपने निवेश फैसलों को समझेंगे और सावधानीपूर्वक वित्तीय निवेश कर सकेंगे तथा यह समझौता छात्रों को अध्ययन के लिए नवीनतम शिक्षा सामग्री के साथ ही एक सक्षम और जागरूक निवेशकों को तैयार करने में सहायता करेगा।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड द्वारा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचारी प्रयास किये जा रहे हैं, जो राज्य को एक मॉडल के रूप में स्थापित कर रहे हैं। इन्हीं प्रयासों की शृंखला में राज्य की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना की शुरूआत की जा रही है। कहा कि बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में बढ़ रही संभावनाओं का सही उपयोग करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है। कहा कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सहयोग के साथ हम उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्रों सहित अन्य युवाओं को इसके लिये उपयुक्त मानव संसाधन के रूप में परिवर्तित कर सकते हैं।
कार्यक्रम को सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगौली, मैंनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ एनएसई आशीष चौहान, पूर्णकालिक सदस्य सेबी कमलेश चन्द्र वार्ष्णेय ने भी संबोधित किया। मौके पर कृषि मंत्री गणेश जोशी, वाइस चेयरमैन हायर एजूकेशन कमेटी देवेन्द्र भसीन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सेबी जीपी गर्ग, एनएसई, सेबी से आशीष आहूजा, साहिल मलिक, दीप्ति अग्रवाल, अमीष पटेल, डॉ. विजय मेहता, अमरीष दत्ता, डॉ. नवीन नौटियाल, अंशुमान पुरोहित आदि मौजूद थे।