धर्म कर्म

मनुष्य को सरल और विनम्र बनाती है रामकथाः लक्ष्मी नारायण

सोमेश्वर महादेव मंदिर में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद भी कथा श्रवण को पहुंचे

Shri Ram Katha : ऋषिकेश। सोमेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित श्रीरामकथा के दूसरे दिन कथावाचक संत लक्ष्मी नारायणनंद महाराज ने कहा कि रामकथा हमें सरल और विनम्र बनाती है। मानव जीवन में कर्तव्य और कर्मों के साथ सत्संग भी आवश्यक है।

सोमवार को बनखंडी स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर में श्रीरामकथा के दूसरे दिन कथावाचक संत लक्ष्मी नारायणनंद महाराज ने प्रवचन में कहा कि शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त होती है, उसी प्रकार सत्संग हमारे आत्मबल बढ़ता है। इसी आत्मबल से वह बड़े से बड़े दुःखों का सामना कर लेता है। राजवंश में जन्म के बाद भी राम को 14 वर्ष का वनवास मिला, परंतु वह दुखी नहीं हुए। उन्होंने वनों में रहकर सिद्ध किया कि मनुष्य चाहे तो उसके लिए वन भी 100 अवध के समान हो सकता है।

उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने गुण और कर्मों को निखारे तो इनके बल पर उसकी ख्याति बढ़ती है। रामकथा हमें मर्यादा और आदर्श की सीख देती है। मनुष्य को हमेशा अपने कर्मों को अच्छा बनाना चाहिए।

इस अवसर पर महंत रामेश्वर गिरी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कांग्रेस नेता सुधीर राय, पार्षद शिवकुमार गौतम, पुनीत गिरी, संगम गिरी, प्रतीम कालिया, एके मिततल, सुमित पंवार, प्रमोद चौधरी, दिनेश सती, मदन मोहन शर्मा, रमेश अरोड़ा आदि मौजूद थें।

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