रामकथा में है मानव जीवन की सार्थकता लक्ष्मी नारायण
सोमेश्वर मंदिर में श्रीराम कथा का चौथा दिन, राम-जानकी विवाह उत्सव मनाया
Shri Ram Katha : ऋषिकेश। प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर में श्रीरामकथा में कथावाचक संत लक्ष्मीनारायण नंद महाराज ने प्रवचन में कहा कि हमारे साथ राम रूपी विचार होंगे तो मोह, मद, लोभ, अहंकार रूपी असुरों से स्वतः छुटकारा मिल जाएगा।
बनखंडी स्थित मंदिर परिसर में चौथे दिन बड़ी संख्या में पहुंचे कथाप्रेमियों ने श्रीरामकथा का रसपान किया। कथावाचक संत लक्ष्मी नारायण नंद महाराज ने कहा कि रामकथा भगवान की ही नहीं, बल्कि यह हमारे घर परिवार और संबंधों से जुड़ी कथा भी है। यह कथा एक आदर्श पिता, मां, भाई, पत्नी, सेवक भक्त के गुणों को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि विश्वामित्र के साथ गए राम और लक्ष्मण ने अहिल्या को तारा तो असुरों को भी दंडित किया। हमारे साथ भी राम रूपी विचार होंगे तो जीवन में मद, मोह, लोभ, अहंकार रूपी असुरों को खुद ही नाश हो जाएगा। कहा कि हमें राजा दशरथ की भांति ही अपने पुत्रों को प्रेम देना चाहिए। बच्चे का बचपन कोरा कागज है, उसपर जो लिखेंगे वही उसके जीवनपर्यंत साथ रहेगा।
कथावाचक ने कहा कि हमारे समाज में दूरियां बढ़ने का एक ही कारण है हम दूसरों की बातों में अपनों को पराया मान लेते हैं। रामकथा तो पराए को भी अपना बनाने की सीख देती है। यह हमें जीवन की सार्थकता सिखाती है। आज कथा में राम-जानकी विवाह धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर सर्व प्रांतीय मंडल के श्री महंत रामेश्वर गिरी महाराज, संगम गिरी महाराज, पुनीत गिरी महाराज आदि उपस्थित रहे।