ऋषिकेश। वयोवृद्ध वाम नेता कॉमरेड बच्चीराम कंसवाल का आज मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद गंगा तट पर अंतिम संस्कार संपन्न हो गया। उनकी पार्थिव देह को उनके ज्येष्ठ पुत्र डॉ. मदन कंसवाल ने मुखाग्नि दी। इस दौरान वामदलों के साथ कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोग मौजूद रहे। कॉ. कंसवाल का 88 वर्ष की उम्र में कल देहरादून में निधन हो गया था।
गुरुवार को नवादा देहरादून स्थित आवास से कॉ. बच्चीराम कंसवाल की अंतिम यात्रा पूर्वाह्न करीब 11 बजे मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद राजशाही घाट पर पहुंची। जहां उनके बड़े बेटे डॉ. मदन कंसवाल ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। कल उनका देहरादून स्थित आवास में निधन हो गया था। वह अपने पीछे पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री से भरा पूरा परिवार छोड़ गए।
कॉ. बच्चीराम कंसवाल जनपद टिहरी के मरोड़ा गांव के मूल निवासी थे। जो कि प्रसिद्ध गांधीवादी पर्यावरणविद सुंरदलाल बहुगुणा का भी गांव है। युवाकाल में ही 1960 के दशक में वह वाम आंदोलनों से जुड़ गए थे। 1970 के दशक में शिक्षक की नौकरी छोड़ उत्तर प्रदेश विधान परिषद (शिक्षक स्नातक सीट) का चुनाव लड़ा। अपने जीवनकाल में वह एकबार टिहरी विधानसभा और एकबार टिहरी लोकसभा से भी चुनाव मैदान में उतरे। वह मरोड़ा गांव के प्रधान भी रहे।
1964 में भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के विभाजन के बाद वह आजीवन मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी में सक्रिय रहे। वह सीपीएम में जिला सचिव के बाद उत्तराखंड सचिव मंडल के सदस्य भी रहे। वह एक प्रखर वक्ता और पत्रकार भी रहे। कई वर्षों तक उन्होंने नवभारत टाइम्स में बतौर संवाददाता काम किया।
इस दौरान परिजन प्रमोद कंसवाल, शिवप्रसाद जोशी, सोमवारी लाल उनियाल के अलावा पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय, ओमगोपाल रावत, सीपीआईएमएल नेता इंद्रेश मैखुरी, सीपीएम राज्य सविच राजेंद्र सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह सजवाण, जयप्रकाश पांडेय, राजेंद्र पुरोहित, धर्मानंद लखेड़ा, पुरूषोत्तम बडोनी, कैलाश बर्त्वाल, इंद्रेश नौटियाल, सतीश धौलाखंडी, भगवान सिंह राणा, कमलेश खंतवाल, शिवप्रसाद देवली, बृजेश कुमार, रतनमणि डोभाल, आरपी जखमोला, रमेश धीमान, प्रबोध उनियाल, चित्रवीर क्षेत्री, एसएल रतूड़ी आदि मौजूद रहे।