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Third Wave की आशंकाओं के बीच आई New guidelines

कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third Wave) की आशंकाओं के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) ने होम आइसोलेशन (Home Isolation) को लेकर नई गाइडलाइन (New Rules) जारी की है। इसके तहत हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए अलग-अलग नियम तय किए गए हैं। संक्रमितों की सही मॉनीटरिंग के लिए राज्यों को अपने कंट्रोल रूम दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

कोरोना के डेल्टा वेरिएंट (Corona Delta Variants) का जितना भारत में रहा, उतना दक्षिण अफ्रीका में नहीं दिखा। लिहाजा, ओमिक्रॉन (Omicron) की भारत में क्या स्थिति रहेगी, स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) इस पर असमंजस में है। आंकड़ों के मुताबिक देश में बीते 9 दिनों में कोरोना के केस 6 गुना अधिक बढ़े हैं। जबकि ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले तीन दिनों में डबल हो रहे हैं।

मंत्रायल का कहना है कि मौजूदा हालातों के मद्देनजर होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन जरूरी है। संशोधित नियमों के अनुसार होम आइसोलेशन की अवधि खत्म होने पर दोबारा टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी। पॉजिटिव होने के 7 दिनों तक बुखार नहीं होने पर आइसोलेशन खत्म कर मरीज को छुट्टी दे दी जाएगी।

होम आइसोलेशन के नए नियम
बताया गया कि बुजुर्ग मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी। हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर रहेंगे। मरीज को ट्रिपल लेयर मास्क पहनने और अधिक से अधिक लिक्विड लेने की सलाह दी गई है. वहीं, एचआईवी संक्रमित या कैंसर पीड़ित अथवा जिनका ट्रांसप्लांट हुआ हो को डॉक्टर की सलाह पर ही होम आइसोलेशन की इजाजत होगी।

वहीं, बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीज जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 93% से ज्यादा हो, उन्हें होम आइसोलेशन की इजाजत होगी। जो माइल्ड और एसिम्प्टोमेटिक (Asymptomatic) मरीज होम आइसोलेशन में होंगे उन्हें जिलास्तर पर कंट्रोल रूम के संपर्क में रहना होगा। ताकि जरूरत होने पर कंट्रोल रूम उन्हें टेस्टिंग और हॉस्पिटल बेड की सुविधा समय पर उपलब्ध करा सके। मरीज को एस्टरॉयड लेने की मनाही है। सिटी स्कैन और चेस्ट के एक्सरे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं किए जाएंगे।

अस्पतालों में भी हो जरूरी तैयारी
देश में गंभीर बिमारियों से जूझ रहे मरीजों को कोमॉर्बिड की श्रेणी में रखा गया है। जिनकी इसवक्त अच्छी खासी तादाद है। मंत्रालय के अनुसार ऐसे में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ेंगे तो अस्पताल में भीड़ बढ़ सकती है। ऐसे में होम आइसोलेशन को प्रभावी बनाना जरूरी है। इसका प्रभावी अमल हो लिहाजा, राज्यों को कंट्रोल रूम दुरूस्त रखने को कहा गया है। ताकि कंट्रोल रूम सही तरीके से मॉनिटरिंग कर सकें। गंभीर होने की स्थिति में मरीज को होम आइसोलेशन से अस्पताल में भर्ती करने के लिए एंबुलेंस और टेस्टिंग से लेकर बेड तक की उपलब्घता सुनिश्चित होनी चाहिए।

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