शराब की ओवररेटिंग पर 27 लाख रुपये का हर्जाना
जिला उपभोक्ता फोरम का फैसला, शिकायतकर्ता को अदा करे प्रबंधक
हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ता सेवा में कमी के लिए दोषी पाए जाने पर शराब की दुकान के प्रबंधक के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया है। आयोग ने शराब खरीद में 10 रुपये ओवरेटिंग के मामले में शिकायतकर्ता को 27 लाख देने के आदेश जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार 19 सितंबर 2019 को शिकायतकर्ता धनौरी स्थित विदेशी शराब की दुकान पर शराब की बोतल खरीदने गया था। बोतल की कीमत 780 रुपये थी, लेकिन दुकान पर मौजूद कर्मचारी ने बोतल पर अंकित मूल्य से 10 रुपये अधिक वसूल किए। शिकायतकर्ता ने यह भुगतान अपने डेबिट कार्ड से किया था।
रोशनाबाद कचहरी में अधिवक्ता अमित कुमार ने शिकायतकर्ता की ओर से उक्त मामले को जिला उपभोक्ता आयोग में दर्ज कराया। अमित कुमार ने शिकायतकर्ता के हवाले से बताया कि ओवररेटिंग के विरोध पर उक्त कर्मचारी द्वारा शिकायतकर्ता से अभद्र व्यवहार भी किया गया था। जिसके बाद ही शिकायतकर्ता ने आयोग जाने का निर्णय लिया।
सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्डा और विपिन ने इस मामले में शराब की दुकान के प्रबंधक को दोषी करार दिया। आयोग ने अपने फैसले में बोतल पर लिए गए अधिक 10 रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, मानसिक, आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में दो लाख रुपये, अधिवक्ता फीस और शिकायत खर्च 20 हजार रुपये और विशेष क्षतिपूर्ति के रूप में 25 लाख रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं।