Uttarakhand: पूर्व सीएम हरीश रावत पर कांग्रेस की हार के बाद आलोचनाओं के प्रहार लगातार जारी हैं। बकौल उनके इसमें भाजपा की सोशल मीडिया टीम के अलावा उनके कुछ अपने भी शामिल हैं। पलटवार में उन्होंने भाजपा पर झूठ फैलाने का आरोप लगाने के साथ ही कहा कि झूठ हमेशा कायरों का सहारा होता है।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक लंबी पोस्ट में कहा कि पराजित सेनापति को हमेशा उलाहना और अलोचनाएं सुननी पड़ती हैं। मैं सेनापति न सही एक योद्धा तो हूं ही। एक पराजित योद्धा पर अभी भी मुझ पर चोट दर चोट की जा रही है। इसमें भाजपा की सोशल मीडिया टीम के अलावा मेरे अति प्रिय दोस्त भी हैं। जो भाजपा द्वारा गढ़े गए झूठों का सहारा ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने ऐसे सभी लोगों का आभार भी जताया है।
इस पोस्ट में उन्होंने फिर से दोहराया कि हमारी सरकार ने कभी भी शुक्रवार की नमाज़ की छुट्टी का कोई आदेश नहीं निकाला। न ही राज्य में भी ऐसा कोई आदेश कभी नहीं निकला है। यहां तक कि देश में भी कहीं इस प्रकार का आदेश नहीं निकला। मगर भाजपा ने एक झूठ को फैला दिया।
दूसरा झूठ मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने को लेकर है। मुझसे उत्तराखंड तो छोड़िए देशभर के किसी मुसलमान भाई ने कभी मुस्लिम यूनिवर्सिटी या मुस्लिम कॉलेज खोलने की मांग नहीं की। मगर यह भी झूठा प्रचार किया गया। लोगों के मन में जहर घोला गया। उन्होंने दो टूक कहा कि झूठ हमेशा कायरों का सहारा होता है। इस प्रकार के झूठ गढ़ने वाले कायर हैं।
इस पोस्ट में हरीश रावत ने निजी तौर पर अपनी आस्था और उसके केंद्रों का जिक्र भी किया है। यह भी कि मैं स्वामी विवेकानंद द्वारा सनातन धर्म के बारे में दुनिया को समझाई गई समझ ही मुझसे लिपटी हुई है। मैं उसी रूप में हिंदू धर्म को मानता और समझता हूं।