• चित्रवीर क्षेत्री
World Sparrow Day: विश्व गौरया दिवस पर आज जब गोष्ठियों में विलुप्त होती गौरया के अस्तितव को संजोए रखने के लिए सिर्फ चिंताएं व्यक्त की जा रही थी, तब कुछ लोग धरातल पर गौरया के संरक्षण के लिए काम कर रहे थे। उनमें एक हैं खांडगांव रायवाला निवासी अक्षत त्रिवेदी। अक्षत ने आज से ही गौरया के सरंक्षण की मुहिम शुरू की है।
गौरतलब है कि अंधाधुध शहरीकरण के चलते हमारे घर आंगनों से गौरैया का दिखना कम हो गया है। उन्हें बचाने के लिए हालांकि प्रकृति प्रेमियों के बीच चिंताएं खूब हैं, मगर जमीन पर उसका असर होता नहीं दिखता है। ऐसे में कुछ लोग जरूर गौरया को बचाने की मुहिम को धरातल पर उतारने के काम में शिद्दत से जुटे हैं।
अक्षत त्रिवेदी भी उनमें से एक हैं। अक्षत ने विलुप्त होती गौरया के संरक्षण के अपने खर्चे पर प्लाईवुड के जरिए 100 घरों का निर्माण किया है। जिन्हें उनके द्वारा आसपास के क्षेत्रों में न सिर्फ निःशुल्क बांट रहे हैं, बल्कि खुद लोगों के घरों तक पहुंचकर उन्हें लगाने का काम भी कर रहे हैं। साथ ही लोगों को गौरया के संरक्षण के प्रति जागरूक करने में जुटे हुए हैं।
प्रकृति प्रेमी अक्षत त्रिवेदी ने बताया कि जब उन्होंने आसपास के क्षेत्र में गौरया पक्षी की तादाद को कम होते देखा, तो मन में उन्हें बचाने का ख्याल आया। तभी उन्होंने गौरया घर बनाने का निर्णय लिया। पहली बार उन्होंने प्लाईवुड से 65 गौरया घर बनाए हैं। साथ ही निर्णय लिया की हरसाल वह 100 गौरया घर बनाकर लोगों के घरों में लगाएंगे।
आज अक्षत सबसे पहले अपने और आसपड़ोस के घरों में गौरया घर लगाने की मुहिम शुरू की। इस काम में उनके मित्र विश्वजीत यादव, गौहरीमाफ़ी के प्रधान रोहित नौटियाल और रायवाला गांव निवासी दीपक जोशी भी मदद कर रहे हैं। अक्षत को उम्मीद है कि गौरया इन घरों में अपना बसेरा बनाएगी, तो उनके संरक्षण को बल मिलेगा।
अक्षत का कहना है कि सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की चिंताएं जताकर हम प्रकृति को नहीं संवार सकते हैं। उसके लिए हमें प्रकृति के विभिन्न पहलुओं को समझकर उनके अनुरूप काम भी करना होगा। उन्होंने आह्वान किया कि यदि हर व्यक्ति अपने घरों में गौरया के लिए ठिकाना बनाने की ठान ले, तो हम प्रकृति के वैविध्य को बचा सकेंगे।
आज लगाए 21 गौरया घर
अक्षत त्रिवेदी ने आस पड़ोस से शुरूआत कर गांव में 21 जगहों पर लगाए गौरया घर लगा। उनके इस प्रयास के लिए गौहरीमाफी के प्रधान रोहित नौटियाल ने सराहना की। वहीं अक्षत को गौरैया संरक्षण के लिए एसएमजेएन डिग्री कालेज हरिद्वार द्वारा सम्मानित भी किया गया। जबकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने इस काम के लिए उनकी आर्थिक तौर पर मदद भी की।