Uttarakhand New Cabinet: उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री कौन होगा, कभी भी हो ही जाएगा। मगर, कई सीनियर और फ्रेश विधायकों की चिंता सीएम से ज्यादा खुद को मंत्रिमंडल में एडजस्ट होने की है। इसके लिए कईयों ने हाईकमान के साथ ही कई वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद लेने का उपक्रम पूरा कर लिया। है। माना जा रहा है कि इसबार बीजेपी मंत्रिमंडल को भी रिफ्रेश करने के मूड में है।
बता दें कि मुख्यमंत्री के पद को लेकर 10 मार्च से लेकर अब तक करीब दर्जनभर नेताओं ने दावेदारी पेश करने के साथ ही दिल्ली की परिक्रमा कर कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकातें भी की हैं। जिनमें सतपाल महराज, मुन्ना सिंह चौहान, प्रेमचंद अग्रवाल, ऋतु खंडूरी, सुबोध उनियाल के आदि के नाम शुमार हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो भाजपा नई सरकार को नए स्वरूप में गढ़ने जा रही है। इसलिए पुराने मंत्रिमंडल के कई चेहरे इसबार नहीं देंगे। पुराने मंत्रिमंडल की तीन सीटें ऑलरेडी खाली हो चुकी हैं। जिनमें हरक सिंह और यशपाल आर्य कांग्रेस में चले गए, तो मौजूदा चुनाव में यतीश्वरानंद के हाथ हार आई। वहीं, पिछले कार्यकाल में तीन सीटें पूरे पांच साल खाली ही रखा गया।
प्रदेश में सीएम समेत अधिकतम 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पिछले कार्यकाल में कांग्रेस कोटे के पांच मंत्री बने। इनमें दो घर वापस हो चुके। यानि की नई सरकार में सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य की सीट करीब-करीब पक्की है। शेष सात पदों पर कौन मंत्री होगा, इसके लिए संभावित दावेदार तमाम कोशिशों में जुटे हैं।
बताया कि जा रहा है कि हाईकमान उत्तराखंड में इसबार युवा सरकार को मौका दे सकती है। हालांकि कुछ सीनियर भी कतार में हैं, उनमें से कौन शामिल होगा, इसका अनुमान किसको नहीं है। जौनसार से मुन्ना सिंह चौहान लंबे अरसे से इंतजार में ही रहे, इसबार उनकी मुराद पूरी हो सकती है।
कदाचित अगर प्रेमचंद अग्रवाल को दोबारा विधानसभा अध्यक्ष का पद नहीं दिया गया, (जैसा कि अनुमान है) तो उन्हें मंत्रिमंडल में निश्चित ही जगह मिल सकती है। वहीं नई सरकार में महिला कोटा भी बढ़ सकता है। सीएम पद की दावेदार ऋतु खंडूरी का नाम इसमें शुमार है।
जबकि, दलित कोटे से खजान दास या फिर चंदनराम दास का नंबर भी आ सकता है। शेष चार पदों पर यंग ब्रिगेड को मौका मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। 23 मार्च को इस सब से पर्दा उठ जाएगा।