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खेतों में जलभराव से गेहूं की फसल चौपट होने का अंदेशा

संबंधित विभाग समस्या के समाधान की बजाए बात टालने पर आमादा

रायवाला (चित्रवीर क्षेत्री)। छिद्दरवाला क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सिंचाई नहर के चलते खेतों में पानी भरने पर काश्तकार परेशान हैं। ग्रामीणों के मुताबिक संबंधित विभाग समाधान की बजाए बात टालने पर आमादा हैं। जिसपर अब काश्तकारों ने समाधान नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की बात कही है।

ग्राम प्रधान कमलदीप कौर, सिंह, काश्तकार देवेन्द्र सिंह नेगी, राहुल पैन्यूली, हरीश पैन्यूली, बरफ सिंह पोखरियाल, कुलबीर बिष्ट, भूपेन्द्र नेगी ने बताया कि बरसों क्षेत्र में पुरानी सिंचाई नहर जगह-जगह क्षतिग्रस्त है। वहीं कई स्थानों पर नहर में कचरा जमा होने पर नहर के टूटे हिस्सों से पानी काश्तकारों के खेतों में पहुंच रहा है। जिसे खेतों में बोई गई गेहूं की फसल के बर्बाद होने का अंदेशा बना हुआ है।

उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल के लिए बेहद कम मात्रा में सिंचाई के पानी की जरूरत होती है। लेकिन टूटी नहर से अनावश्यक पानी खेतों को तालाब बनाए हुए है। बताया कि इसबारे स्थानीय ग्रामीण और जनप्रतिनिधि सिंचाई विभाग से नहर की मरम्मत के लिए कई बार गुंहार लगा चुके हैं। बावजूद विभाग मौन बैठा हुआ है।

ग्राम प्रधान कमलदीप कौर ने बताया कि इस संबंध में दून कैनाल के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल से बात की गई, तो उन्होंने संबंधित नहर को लघु सिंचाई विभाग की बताया। साथ ही सिंचाई विभाग की नहरों के दुरस्त होने का दावा किया।

इस बारे लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता पृथ्वी सिंह भंडारी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन पिकअप नहीं किया। ग्रामीणों ने चेताया है कि खेतों में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे।

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