Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में हार के बाद भी कांग्रेस के बुरे दिनों का सिलसिला नहीं थम रहा। अब धारचूला से तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हरीश धामी का पार्टी को छोड़ने के साथ ही उनके बीजेपी में जाने की खबरें चर्चाओं में हैं। सबसे अधिक जोर उनके सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने के संकेत पर है। हालांकि उन्होंने अपने बयान में अलग दल बनाने के विकल्प को भी खुला बताया है। सियासी हलके में धामी के अगले कदम को लेकर
कांग्रेस विधायक हरीश धामी का कहना है कि जनता कहेगी तो वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ सकते हैं। जिसके बाद उनके इस बयान के मायने तलाशे जा रहे हैं। वह कहते हैं कि 2014 में भी उन्होंने सीएम हरीश रावत के लिए धारचूला की सीट छोड़ी थी। अब उन्होंने अपना अगला फैसला जनता पर छोड़ दिया है। उधर, सीएम पुष्कर धामी से उनकी मुलाकात की एक फोटो भी इस संभावना को हवा दे रही है।
हरीश धामी के कांग्रेस छोड़ने के फैसले को तय मानने का एक कारण धारचूला समेत मुनस्यारी में कांग्रेस के अंदर पदाधिकारियों के धड़ाधड इस्तीफों भी बताए जा रहे हैं। त्यागपत्र देने वाले अधिकांश स्थानीय नेताओं ने हरीश धामी को नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने को मुद्दा बनाया है। जिसके चलते कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं।
कांग्रेस विधायक धामी ने अपने ताजा बयान में कांग्रेस पर अपनी उपेक्षा का आरोप भी लगाया है। उनके मुताबिक कांग्रेस का समर्पित कार्यकर्ता होने के बाद भी पार्टी में उन्हें हमेशा नीचा दिखाने का काम हुआ। इस बयान में उन्होंने अपनी नारजगी का सारा ठीकरा पार्टी के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव के सिर फोड़ा है।
सो, हरीश धामी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामेंगे या फिर कांग्रेस विधायकों का एक धड़ा जिनकी संख्या 10 बताई जा रही है नया राजनीतिक दल बनाकर मैदान में उतरेंगे इसका इंतजार ही बाकी है। मगर, हो कुछ भी आखिर नुकसान कांग्रेस को होना तय माना जा रहा है।