उत्तराखंड

राज्य आंदोलनकारी भी भड़के, 9 दिसंबर को विधानसभा कूच

शहीद स्मारक में बैठक कर लिया निर्णय, सरकार के रवैये पर जताई नाराजगी

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने क्षैतिज आरक्षण, भू-कानून और चिह्निकरण के मामले को लेकर शीतकालीन सत्र के पहले दिन 9 दिसंबर को विधानसभा आवास कूच का निर्णय लिया है।

रविवार को शहीद स्मारक में मंच की बैठक में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी ने विभिन्न मसलों पर चर्चा की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जब केंद्र और राज्य सरकार किसानों व तीर्थ पुरोहितों के मसलों पर कानून वापस ले सकती हैं तो फिर राज्य आंदोलनकारियों की मांगों पर सरकार मौन क्यों है?

उन्होंने बैठक में निर्णय लिया कि 09 दिसंबर को राज्य आंदोलनकारी 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश जारी करने, राज्य के हित में सशक्त भू-कानून, 1950 के तहत मूलनिवास, चिह्निकरण में प्रगति, नेहरु कॉलोनी में शहीद पोलू स्मारक और अन्य मांगों को लेकर विधानसभा कूच किया जाएगा। साथ ही कहा कि सरकार का फिर भी उपेक्षित रवैया रहा तो खुला विरोध किया जाएगा।

बैठक में ओमी उनियाल, वेदप्रकाश शर्मा, रुकम पोखरियाल, जगमोहन सिंह नेगी, विक्रम भंडारी, विशंभर दत्त बौंठियाल, केशव उनियाल, आरव खंडूड़ी, पूरण सिंह लिंगवाल, गणेश डंगवाल, सतेन्द्र नौगाई, धनंजय घिल्डियाल, नरेंद्र नौटियाल, प्रदीप कुकरेती, विनोद असवाल, सुरेश नेगी, सुमन भंडारी, देव नौटियाल, मोहन खत्री, प्रभात डंडरियाल, कुलदीप कुमार, राधा तिवारी, उर्मिला शर्मा, द्वारिका बिष्ट, सुशीला अमोली, बीना भट्ट, साबी नेगी, सुशीला चंदोला, रेनू नेगी, सुशीला गुसाईं, सुशीला खत्री आदि मौजूद थे।

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