विकास कार्यों में देरी पर तय हो अधिकारियों की जिम्मेदारीः सीएम
मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ की विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यों की समीक्षा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों की समीक्षा की। कहा कि उनके द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन में देरी पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। साथ ही जनसमस्याओं से जुड़ी विधायकों की शिकायतों को अधिकारी गंभीरता से लें।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में सीएम धामी ने विधानसभा क्षेत्र थराली, कर्णप्रयाग, केदारनाथ, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, यमकेश्वर, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, नरेन्द्रनगर, पौड़ी, लैंसडाउन और रामनगर में विकास कार्यों की समीक्षा की। निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को पूरा करने में लेटलतीफी पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इस मामले में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जो अधिकारी 05 साल या उससे अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे हैं, उनकी लिस्ट बनाई जाए। जनप्रतिनिधियों द्वारा विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न घोषणाओं के लिए जो प्रस्ताव आएं उनका पहले परीक्षण करने के साथ घोषणा के पूर्ण होने की समयावधि को भी स्प्ष्ट किया जाए। जनसमस्याओं के समाधान के लिए अधिकारी संवादहीनता को दूर कर आपसी समन्वय से कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने सचिवों को निर्देशित किया कि विधायकों द्वारा बैठक में रखी गई जनसमस्याओं को बैठक में रखा गया है, उनका प्राथमिकता के साथ समाधान करें। जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाए। निर्धारित प्रक्रिया के तहत टोंगिया ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राजस्व विभाग एवं समाज कल्याण विभाग की मीटिंग की जाए। पर्वतीय जनपदों में पर्यटन को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य मूलभूत सुविधाओं संबंधी घोषणाओं को निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जाए।
बैठक में विधायकों ने सड़कों के निर्माण व सुधारीकरण, नहरों की मरम्मत, बाढ़ नियंत्रण, सीवरेज व ड्रेनेज सिस्टम, पर्यटक स्थलों का विकास और अन्य समस्याओं से सीएम को अवगत कराया।
मौके पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, विधायक दीवान सिंह बिष्ट, अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, शैलारानी रावत, भरत सिंह चौधरी, रेनू बिष्ट, राजकुमार पोरी, दलीप सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, एचसी सेमवाल, एसएन पांडेय, अपर सचिव रंजना राजगुरु, डॉ. अहमद इकबाल, योगेन्द्र यादव, ललित मोहन रयाल, बंशीधर तिवारी, नवनीत पांडे, जगदीश चन्द्र कांडपाल आदि मौजूद थे।