• अपने बयान में सुर मिलाने वाले कांग्रेस नेताओं को भी नहीं बख्शा
Uttarakhand Assembly Recruitment Case: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड बैकडोर भर्ती मामले पर स्पीकर ऋतु भूषण खंडूरी के निर्णय को अधूरा बताने के साथ ही इस प्रकरण को लेकर PM नरेंद्र मोदी की तरफ भी लिटमस टेस्ट का सवाल उछाल दिया है। माहरा का कहना है कि जो लोग इसमें संलिप्त हैं क्या पीएम मोदी उन्हें हटाएंगे?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि इस प्रकरण में सिर्फ नियम ही नहीं नैतिकता को भी देखा जाना चाहिए। इसकी भी जांच होनी चाहिए कि नैतिकता की कसौटी पर विधानसभा में अपने करीबियों को नौकरी दी जानी कहां तक जायज है?
माहरा ने कहा कि जनप्रतिनिधि का विशेषधिकार होता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि युवाओं के हिस्से क़ो मारकर अपने लोगो क़ो रेवड़ी बाटने के लिए विशेषाधिकार का उपयोग करें। उनके अनुसार इस मामले में जनप्रतिनिधि रहते हुए लोकतंत्र का चीरहरण किया गया है।
दो टूक बोले- मेरा नेता राहुल गांधी है, जो हमेशा युवाओं के न्याय के लिए लड़ता है, मैं भी लड़ाई लड़ता रहूंगा। साथ ही कहा कि ये पीएम मोदी का लिटमस टेस्ट होगा। उन्होंने जो लाल किले के प्राचीर से कहा था ‘ना खाऊंगा ना खाने दूंगा’, ऐसे में जो लोग इसमें संलिप्त हैं क्या मोदीजी उन्हें पदों से हटाएंगे?
करन माहरा ने अपने बयान में कांग्रेस नेताओं को भी नहीं बख्शा है। उनके मुताबिक मैंने जब सवाल खड़े करने शुरू किए तो कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के सुर एक भी जैसे दिखाई देने लगे।