उत्तराखंडसियासत

कांग्रेस ने ये ‘दो सीटें’ किसके लिए की हैं ‘रिजर्व’ ?

Uttarakhand Assembly Election 2022: कांग्रेस (Congress) की पहली लिस्ट में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की विधानसभा सीटें तो घोषित हो गई, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) इस सूची में नहीं हैं। ऐसे में कयासों का बाजार गर्म हो गया, खासकर इसलिए कि पार्टी ने 17 सीटों पर कैडिडेट्स का ऐलान नहीं किया है, और इनमें दो ऐसी सीटें हैं जिनमें एक ‘हरदा’ की पसंदीदा है, तो दूसरी पर वह 2017 में ताल ठोक चुके हैं। तो क्या अभी भी हरदा के चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं? हां तो कहां से? और नहीं, तो ये सीटें किसके लिए रिजर्व की गई हैं?

सीधे-सीधे हरीश रावत के बयानों और उनकी रुचि की बात पर भरोसा करें, तो उनका इसबार खुद बतौर प्रत्याशी मैदान में उतरने से ज्यादा चुनाव लड़ाने और कांग्रेस को सत्ता में लाने पर ज्यादा फोकस है। इसलिए उन्होंने अपने चुनाव लड़ने न लड़ने का फैसला कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ा हुआ है। हालांकि कुछ दिनों पहले हरदा ने इतना जरूर कहा था कि यदि उन्हें हाईकमान ने चुनाव लड़ने को कहा, तो वह रामनगर या डीडीहाट सीट चाहेंगे। लेकिन कांग्रेस की पहली लिस्ट में डीडीहाट सीट पर प्रदीप सिंह पाल का नाम घोषित कर दिया गया है। यानि यह ऑप्शन समाप्त हो गया।

दूसरा ऑप्शन है रामनगर, जो कि शेष 17 की सूची में है। तो क्या एकमात्र रामनगर सीट है, जिसपर हरदा मैदान में उतर सकते हैं? इसपर संभावनाएं बनी हुई हैं। एक और सीट हरिद्वार ग्रामीण की भी रिजर्व में रखी गई है। तो क्या हरदा दूसरी बार इसी सीट पर ताल ठोक सकते हैं? क्योंकि 2017 में उन्होंने किच्छा के साथ इस सीट को भी चुना था। किच्छा की सीट इसबार तिलकराज बेहड़ के नाम कर दी गई है। अगर नहीं, तो यह रिजर्व क्यों और किसके लिए रखी गई है?

बताते चलें कि एक इंटरव्यू में ‘हरदा’ ने बताया था कि उन्होंने अपने पुत्र-पुत्री से ऐसी सीट चुनने के लिए कहा है, जहां से कांग्रेस कभी नहीं जीती। दूसरी बात हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में लंबे अरसे से उनकी बेटी अनुपमा रावत सक्रिय रही हैं। 2017 में एक बार उन्हें ही यहां से टिकट मिलने की बात चर्चाओं में आई थी। तो क्या हरदा की जगह हरिद्वार ग्रामीण सीट ‘अनुपमा’ के लिए रिजर्व की गई है? और कहीं रामनगर ‘आनंद सिंह रावत’ के लिए रिजर्व तो नहीं की गई है?

यह सवाल इसलिए कि पहली लिस्ट में आर्य परिवार को दो सीटें देकर ‘एक परिवार एक टिकट’ की नीति को कांग्रेस ने खुद ही मुल्तवी कर दिया है। ऐसे में यदि हरीश रावत के पुत्र और पुत्री को भी टिकट मिल जाए, तो ऐसी संभावनाओं को एकदम से खारिज भी नहीं किया जा सकता है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस से रंजीत रावत चुनाव मैदान में थे। मगर, सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी। अब रंजीत रावत और हरीश रावत के बीच काफी समय से तलवारें खींची है। रंजीत को प्रीतम गुट में बताया जाता है। खैर, दूसरी लिस्ट आने के बाद यह साफ हो जाएगा कि रामनगर सीट पर किसे टिकट दिया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button