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बिजली संकट में वरदान साबित हो रहा टिहरी बांध

जलाशय को ईएल 830 तक भरने की अनुमति से उत्पादित हो रही अधिक बिजली

शिखर हिमालय डेस्क
ऋषिकेश। टिहरी बांध के जलाशय को 830 मीटर तक भरने की अनुमति इनदिनों देश में विद्युत संकट से निपटने में काम आ रही है। टीएचडीसीआईएल द्वारा प्रचालित टिहरी बांध और कोटेश्वर डैम इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रिड को अब आवश्यकता से अधिक बिजली की आपूर्ति हो रही है।

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने जारी विज्ञिप्त में यह जानकारी दी। बताया कि देश में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों के तेज होते ही राष्ट्रीय ग्रिड में बिजली की डिमांड भी बढ़ गई है। जिसके लिए आपूर्ति में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के द्वारा प्रचालित बांध खासा योगदान दे रहे हैं।

बताया कि 25 अगस्त को टिहरी बांध के जलाशय को ईएल 830 तक की अनुमति मिली थी। जिसके बाद टीएचडीसीआईएल ने 16 से 31 अक्टूबर 2021 तक 193 मि.यू. ऊर्जा के उत्पादन की योजना बनाई। अतिरिक्त भंडारण की अनुमति के बाद टिहरी एचपीपी 1000 और कोटेश्वर एचईपी 400 ने 402 मि.यू. उत्पादित करने के लिए अपनी योजना को पुनरीक्षित किया। जिससे अनुमान है कि अब 209 मि.यू. का अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन हो सकेगा।

बताया कि टीएचडीसीआईएल राष्ट्रीय ग्रिड को मजबूत करने के साथ विद्युत उत्पादन की प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी को पूरा करने की स्थिति में है।

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