सीएम ने मंगल दलों की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा की

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशभर से आए युवक और महिला मंगल दलों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। इस दौरान सीएम ने घोषणा की कि मंगल दलों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि ₹4 हजार से बढ़ाकर ₹5 हजार की जाएगी। साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और ऋण सुविधा प्रदान करने के लिए नीति बनाई जाएगी। उन्हें डिजिटल मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य स्तर पर एक पोर्टल बनाया जाएगा, जिससे प्रत्येक युवा और महिला मंगल दल को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित मुख्य सेवक संवाद के दौरान सीएम धामी ने मंगल दलों द्वारा सामाजिक सेवा, सांस्कृतिक संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। कहा कि मंगल दल उत्तराखण्ड की संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। मंगल दल प्रदेश की सामाजिक चेतना को मजबूत करने, लोक परंपराओं को संजोने और गांव-गांव में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आपदाओं के समय मंगल दल ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ की भूमिका निभाते हैं और जनजागरूकता अभियानों में भी आगे रहते हैं। राज्य सरकार मंगल दलों को सशक्त बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। मंगल दलों को स्वरोजगार के लिए ₹50 हजार से ₹3.5 लाख तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत ₹5 करोड़, मुख्यमंत्री ग्रामीण खेलकूद एवं स्वास्थ्य संवर्धन योजना के अन्तर्गत ₹2 करोड़ से अधिक, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत ₹60 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अन्तर्गत ₹10 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
सीएम ने कहा कि युवाओं को तकनीकि और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना ₹21 करोड़ से अधिक का प्राविधान किया गया है। राज्य सरकार लोक संस्कृति के संवर्धन के लिए भी निरंतर प्रयासरत है। स्थानीय मेलों व पर्वों के आयोजन के लिए आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक सुरेश गड़िया, पीएमजीएसवाई राज्य स्तरीय अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव एसएन पाण्डेय, निदेशक युवा कल्याण प्रशांत आर्य आदि मौजूद रहे।