उत्तराखंडचुनावसियासत

… तो ‘ऋषिकेश’ और ‘नरेंद्रनगर’ में ‘आशंकाओं’ से घिरी है ‘भाजपा’ ??

TSR की चिट्ठी के बाद डोईवाला, ऋषिकेश और नरेंद्रनगर सीटों की चर्चाएं जोरों पर

Uttarakhand Assembly Election 2022: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चुनाव न लड़ने संबंधी चिट्ठी के बाद से ही डोईवाला (Doiwala Assembly), ऋषिकेश (Rishikesh Assembly) और नरेंद्रनगर (Narendranagar Assembly) पर चर्चाओं ने जोर पकड़ा हुआ है। कयास लग रहे हैं कि भाजपा अब प्रेमचंद अग्रवाल (Premchand Agarwal) को डोईवाला और सुबोध उनियाल (Subodh Uniyal) को ऋषिकेश से मैदान में उतार सकती है। साथ ही नरेंद्रनगर में चुनौती बने ओमगोपाल रावत (OmGopal Rawat) को टिकट मिल सकता है। अगर ‘कयास’ सच होते हैं, तो क्या ‘बीजेपी’ ऋषिकेश और नरेंद्रनगर में ‘आशंकाओं’से घिरी हुई है ?

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि भाजपा करीब-करीब 60 विधानसभाओं के टिकट फाइनल कर चुकी है। जिसकी घोषणा आज या फिर कल हो सकती है। लेकिन एक दिन पहले ही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अचानक चुनाव लड़ने के प्रति अनिच्छा से तीनों ही सीटों के समीकरण बदल गए हैं।

ऐसे में पार्टी को डोईवाला सीट पर टीएसआर का रिप्लेसमेंट चाहिए, तो पहला नाम प्रेमचंद अग्रवाल का सामने आया है। इसलिए भी कि डोईवाला अग्रवाल का गृहक्षेत्र भी है। हालांकि ऐसी चर्चाएं पिछले कुछ वर्षों से चलती रही हैं। हालांकि तब से डोईवाला में टीएसआर की मौजूदगी के कारण ऐसा संभव नहीं हुआ। अब जब त्रिवेंद्र खुद मैदान से हट रहे हैं, तो पार्टी के लिए फेरबदल करना आसान हो सकता है।

दूसरी तरफ ओमगोपाल रावत के हरहाल में चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद नरेंद्रनगर विधानसभा सीट पर भी पार्टी असमंजस में बताई जा रही है। पिछले दिनों सुबोध उनियाल के भी सीट बदलने की चर्चाएं खूब उछली। तो कुछ सालों से उनके ऋषिकेश से चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर भी खासी बातें होती रही हैं। लिहाजा, नई परिस्थितियों में चर्चाओं का फिर से रफ्तार पकड़ना लाजिमी ही है।

बता दें कि ऋषिकेश विधानसभा सीट पर जहां भाजपा के प्रेमचंद अग्रवाल पिछले 15 वर्षों से काबिज हैं, तो 2016 में सुबोध उनियाल के पार्टी बदलने के बाद नरेंद्रनगर विधानसभा में भाजपा का सूखा खत्म हुआ। मगर, वर्तमान परिस्थितियां फिर से पार्टी के अनुकूल नहीं बताई जा रही हैं। नरेंद्रनगर में ओमगोपाल की चुनौती सामने है, तो ऋषिकेश में दावेदारों की भीड़ और अग्रवाल के खिलाफ पार्टी में अंतकर्लह नई समस्या के तौर पर उभरे हैं।

जानकार यह भी बताते रहे हैं कि पार्टी के अंदरूनी सर्वे में खासकर ऋषिकेश सीट पर भाजपा की ‘सेहत’ पूरी तरह अच्छी नहीं है। सो, अंतकर्लह, दावेदारों की भीड़ और एंटी इनकम्बेंसी जैसे फैक्टरों से पार पाने का पार्टी के पास यही एकमात्र रास्ता है, कि यहां बदलाव किया जाए। जो कि टीएसआर की चिट्ठी के बाद यह आसान भी हो गया है, और ऐसा होने पर भाजपा तीनों ही सीटों को दोबारा से अपनी झोली में आने की ‘आस’ भी जरूर कर सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button