उत्तराखंडऋषिकेश

भर्ती निरस्त, तो भर्ती करने वाले मंत्रिमंडल में क्यों : प्रदीप टम्टा

युवा न्याय संघर्ष समिति का बेमियादी धरना शुरू, राजनीतिक, सामाजिक संगठनों का समर्थन

ऋषिकेश। युवा न्याय संघर्ष समिति का आज से अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया है। आंदोलनकारियों ने सरकार से अंकिता हत्याकांड में कथित वीआईपी का बताने और विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में पूर्व स्पीकर प्रेमचदं अग्रवाल को मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग उठाई है। इसबीच राज्यसभा के पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा भी धरने को समर्थन देने पहुंचे।

गुरुवार को कोयलघाटी में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत युवा न्याय संघर्ष समिति का बेमियादी धरना प्रदर्शन शुरू हुआ। धरने को राजनीतिक दलों के साथ ही सामाजिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया। धरने पर पहुंचे राज्यसभा के पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि प्रदेश में क़ानून व्यवस्था ख़राब हो चुकी है। अंकिता के पिता न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। सरकार अभी भी हत्याकांड में शामिल आरएसएस से जुड़े नेता के परिवार के लोगों को बचाने का काम कर रही है। अभी तक वीआईपी का नाम उजागर नही हुआ है।

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से पूरा प्रदेश पीड़ित है। चाहे वह उत्तरकाशी की घटना हो या कुमाऊं के जगदीश की मौत, सभी क़ानून व्यवस्था के फेलियर के चलते हुई हैं। सवाल उठाया कि सरकार ने जब विधानसभा भर्तियों को निरस्त कर दिया तो भर्ती देने वाले को अभी तक क्यों मंत्रिमडल में रखा हुआ है। सरकार को तत्काल प्रभाव से प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करना चाहिए।

महिला नेत्री प्रमिला रावत और कुसुम जोशी ने कहा कि हम पहले दिन से ही अंकिता हत्याकांड में दोषियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं, परन्तु सरकार ने चुप्पी साध रखी है।

कम्युनिस्ट नेता इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि हमें अंकिता के साथ ही हर उस युवा के लिए न्याय की लड़ाई लड़नी होगी, जिनके साथ अन्याय हो रहा है। आज प्रदेश में एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं की सुध लेने वाला कोई नहीं। यूकेडी के मोहन सिंह असवाल ने कहा कि इस आंदोलन को हमें मुकाम से पहले खत्म नहीं करना है, सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन भी करने होंगे।

इस दौरान कार्यक्रम में कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला, स्वराज सेवा दल के रमेश जोशी, उषा चौहान, वेदप्रकाश शर्मा आदि ने भी विचार रखे। संचालन समिति के संयोजक दीपक जाटव और मीडिया प्रभारी संजय सिल्सवाल ने किया।

पहले दिन ये हुए धरने में शामिल
समिति के संयोजक अरविन्द हटवाल, सुरेन्द्र नेगी, ग्राम प्रधान विजयपाल जेठुडी, हिमांशु रावत, उप प्रधान रोहित नेगी, विजयपाल रावत, पार्षद राकेश सिंह, देवेंद्र प्रजापति, जगत सिंह नेगी, राधा रमोला, शकुंतला शर्मा, मधु मिश्रा, जितेंद्रपाल पाठी, गौरव राणा, दिनेश उत्तराखंडी, योगेश पाल, पूर्व प्रधान कमला शर्मा, केएस राणा, गौरव कुमार राणा, सन्नी प्रजापति, प्रवीण जाटव, सुमित त्यागी, जतिन जाटव, सरोज़नी थपलियाल,जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, रविंद्र राणा, देवेश्वर प्रसाद रतूड़ी, हरेंद्र सिंह रावत, अभय वर्मा, लक्ष्मी कैठैत, गुड्डी डबराल, सावित्री देवी, सौरव वर्मा, इमरान सैफी, धर्मेंद्र गुलियाल, बलवीर सिंह रावत, बीडी पांडेय, दिनेश पोखरियाल, नीरज शर्मा, मनोज रावत, कैलाश सेमवाल, मनीष व्यास, राजेंद्र ग़ैरोला, विक्रम भंडारी, अजय रमोला, दीपा चमोली, राजेंद्र कोठारी, विजय सिंह राणा, रघुवीर सिंह गुनसोला, राजेश शाह, चंदन सिंह पंवार, बीना बहगुणा, गम्भीर सिंह गुलियाल, प्रकाश डोभाल, चंद्रा रावत, सुमन गावड़ी, अंशुल त्यागी, विद्यावती देवी, गौरव यादव, यश अरोड़ा, पंकज गुप्ता, मनोज रावत, अजय गर्ग, धर्मानंद लखेडा, कांता कंडवाल, हरेन्द्र भंडारी, शशि शेखर, नीरज शर्मा, योगेश पाल, नीरज चौहान, शेर सिंह रावत, लल्लन राजभर, सतीश रावत, गोकुल रमोला, हरभजन चौहान, तेजपाल कलूडा, राकेश कंडियाल, रवि राणा, संजय चौरसिया, देवी प्रसाद व्यास, सोहन सिंह रौतेला, विनय चौहान, अमित पाल, जयपाल बिट्टू आदि।

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