उत्तराखंडऋषिकेश

महिला आरक्षणः महिलाएं, परीक्षार्थी, जनप्रतिनिधि और नेता एकसाथ

• झंडा चौक पर बैठक के बाद त्रिवेणीधाट गांधी स्तंभ तक जुलूस प्रदर्शन

• राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट जाने की बजाए अध्यादेश लाने की मांग

ऋषिकेश। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) की परीक्षाओंं में उत्तराखंड मूल की महिलाओें के लिए 30 प्र्रतिशत आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक के बाद राज्य में मातृशक्ति गुस्से मेंं है। ऋषिकेश में आज महिलाओं ने बैठक और उसके बाद गांधी स्तंभ तक जुलूस निकालककर प्रदर्शन किया।ं उन्होंने सरकार से इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बजाए अध्यादेश लाने की पुरजोर मांग की।


30 प्रतिशत महिला आरक्षण मामले को लेकर क्षेत्र के विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाएं, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नेता रविवार को झंडा चौक पर जुटे। खुली बैठक में उन्होंने इस मामले में सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए। वक्ताओं का आरोप था कि राज्य सरकार ने सही ढंग से पैरवी नहीं की, और अब इसे सुप्रीम कोर्ट ले जाकर लटकाना चाहती है।


उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत आरक्षण पर रोक से प्रदेश की महिला परीक्षार्थियों को नुकसान और बाहरी राज्यों की महिलाओं को फायदा पहुंचेगा। जिसके चलते मजबूरन आज खासकर महिलाओं को सड़क पर उतरना पड़ रहा है। उन्होंने एकस्वर में सरकार से महिला आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की बजाए अध्यादेश लाने की मांग की है।


बैठक के बाद शहर की सड़कों से होते हुए त्रिवेणीघाट स्थित गांधी स्तंभ तक जुलूस प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर संयोजक आरुषि कश्यप, कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला, जिला पंचायत सदस्य संजीव चौहान, उजपा नेता कनक धनाई, यूकेडी के केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, सामाजिक कार्यकर्ता कुसुम जोशी, पार्षद राकेश सिंह मियां, विजयलक्ष्मी शर्मा, प्रिंसी रावत, संजय सिलस्वाल, हिमांशु रावत, आशा नेगी, अनामिका चमोली, सताक्षी शर्मा, दीपांजली त्यागी, अंशुल त्यागी, मदन मोहन शर्मा, रामकुमार सेंगर, जितेंद्रपाल पाठी,, सरोजनी थपलियाल, धर्मेंद्र गुलियाल, बीना बहुगुणा, कृष्णा रमोला, क्वांरा देवी, मंजू भट्ट, श्वेता बहुगुणा, हर्षिता जोशी, रेनु नेगी, ममता रमोला आदि मौजूद रहे।

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