ऋषिकेश। उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा निदेशालय की ओर से आयोजित प्रधानाचार्यों की दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन हो गया। इस अवसर पर संस्कृत शिक्षा परिषद के सचिव भूपेंद्र सिंह नेगी कहा कि भविष्य के दृष्टिगत परीक्षाओं से पूर्व कमजोर छात्रों अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए।
जयराम आश्रम संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला के समापन पर संस्कृत शिक्षा परिषद के सचिव भूपेंद्र सिंह नेगी ने प्रधानाचार्यों को बोर्ड परीक्षाओं के बाबत विस्तार से जानकारी दी। कहा कि परीक्षाओ में गोपनीयता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। कहा कि छात्रों के सही आकलन के लिए मासिक परीक्षाओं का आयोजन भी जरूरी है। इससे कमजोर छात्रों को बोर्ड परीक्षा के पूर्व तैयार करने में मदद मिल सकती है।
नेगी ने प्रधानाचार्यों को छात्रों के प्रवेश फार्म भरने में सावधानी रखने की सलाह भी दी। ताकि उनके प्रमाणपत्रों में त्रुटि न रहे और उन्हें भविष्य में परेशानियों का सामना न करना पड़े। कार्यक्रम संयोजक एवं संस्कृत निदेशक शिवप्रसाद खाली ने कहा कि भविष्य में भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यशालां का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव वीरेंद्र पाल, उप निदेशक पद्माकर मिस्र, उप निदेशक डॉ. वाजश्रवा आर्य, उपसचिव संस्कृत परिषद संजू प्रसाद ध्यानी, मायाराम रतूड़ी, शिवप्रसाद भट्ट, डॉ. जनार्दन कैरवान, ओमप्रकाश पूर्वाल, विजय जुगलान, विनायक भट्ट, नवीन भट्ट, सूर्यप्रकाश रतूड़ी, भगवती उनियाल, डॉ. नवीन चन्द्र जोशी, खिलाप सिंह पिमोली, उत्तम सिंह राणा, नारायण उपाध्याय आदि मौजूद थे।