ग्रामीणों ने जानें मशरूम उत्पादन के फायदे
कुनाऊं वन विश्राम गृह में तीन दिनी मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
ऋषिकेश। गौहरीरेंज स्थित कुनाऊं गांव में इको विकास समिति और राजाजी टाइगर रिजर्व की ओर से तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शुरू हो गया। इस दौरान ग्रामीणों को मशरूम उत्पादन के फायदे और तौर तरीकों की जानकारी दी गई।
कुनाऊं स्थित वन विश्राम गृह में आजीविका सुधार कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ पार्क के निदेशक डॉ साकेत बडोला ने किया। उन्होंने पार्क के सीमावर्ती क्षेत्रों से आए ग्रामीणों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया। कहा कि अपनी आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए मशरूम का उत्पादन बेहद लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
इस दौरान प्रशिक्षक चंद्रमोहन सिंह नेगी ने ग्रामीणों को ओएस्टर मशरूम की विस्तार से जानकारी दी। बताया कि बेहद कम लागत और कम जोखिम के साथ इसका उत्पादन शुरू किया जा सकता है। कहा कि मशरूम की बिक्री लिए हमारे आसपास ऋषिकेश, लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, तपोवन आदि में अच्छा बाजार भी मौजूद है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्रामीणों ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। मौके पर वन्यजीव प्रतिपालक चीला एवं रेंजर गोहरीरेंज मदन सिंह रावत, वन दरोगा हरपाल सिंह गुसाईं, इको विकास समिति के सचिव महेंद्र सिंह, वन आरक्षी विनोद भारती, प्रशिक्षु गोविंद सिंह रावत, मानसिंह पाल, सत्यपाल सिंह राणा, प्रदीप सिंह रावत, रेखा रावत, सोनम रावत, वैशाखी देवी, दर्शनी नेगी, कृष्णा राणा, आशा नेगी, सुंदरी देवी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन उप राजिक रमेश कोठियाल ने किया।