ऋषिकेश

स्वाभिमान महारैली को गढ़वाल महासभा का समर्थन

महासभा की टीमें कर रही क्षेत्रवासियों से रैली में शामिल होने का आह्वान

ऋषिकेश। अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने मूल निवास 1950, सशक्त भू-कानून के पक्ष में और बढ़ते नशे व अपराध के खिलाफ प्रस्तावित मूल निवास स्वाभिमान महारैली को सफल बनाने का आह्वान किया है।

महासभा के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. राजे नेगी ने जारी बयान में बताया कि 29 सितंबर रविवार को ऋषिकेश में मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति द्वारा प्रस्तावित स्वाभिमान महारैली को अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा का पूर्ण समर्थन है। महासभा के महासचिव उत्तम असवाल टिहरी जिले और प्रदेश अध्यक्ष सीता पयाल के साथ अन्य पदाधिकारी एक सप्ताह से ऋषिकेश और आसपास घर-घर जाकर लोगो को जागरूक कर रैली में शामिल होने का आह्वान कर रहे है।

डॉ नेगी ने बताया कि सशक्त भू-कानून नही होने से राज्य के संसाधनों पर बाहरी लोग काबिज हो रहे हैं। जिसका सीधा असर राज्य की संस्कृति, परम्परा और पहचान पर पड़ रहा है। बताया कि देश के कई राज्यो समेत में कृषि भूमि की खरीद के सख्त नियम हैं, पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी कृषि भूमि के गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए खरीद फरोख्त पर रोक है।

उन्होंने बताया कि राज्य गठन से अबतक भू कानूनों में कई बदलाव किए गए हैं। उधोगों का हवाला देकर भू-खरीद प्रकिया को आसान बना दिया गया है। वही मूल निवास कानून की बात करें तो राज्य गठन के बाद के दिन से जो भी व्यक्ति उत्तराखंड की सीमा में रह रहा है उसे यहां का मूल निवासी माना जाएगा। जबकि उत्तराखंड के साथ ही बने झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों में 1950 को मूल निवास का आधार वर्ष माना गया है। इसी आधार पर वहां जाति प्रमाणपत्र जारी किए जाते है।

नेगी ने चारधाम यात्रा के मुख्य द्वार ऋषिकेश में जनांदोलन की मजबूती के लिए स्वाभिमान महारैली को सफल बनाने के लिए क्षेत्रवासियों से अधिक से अधिक संख्या में महारैली में शामिल होने की अपील की है।

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