
Uttarakhand Assembly Election 2022: ऋषिकेश विधानसभा (Rishikesh Assembly) में कांग्रेस प्रत्याशी (Congress Candidate) फाइनल होते ही पार्टी में भूचाल आने के संकेत मिल रहे हैं। टिकट के प्रबल दावेदारों में एक अपने करीबियों से रायशुमारी के लिए निकले चुके हैं, तो दूसरे ने 3 बजे शुभचिंतकों की बैठक बुलाई है। जबकि घोषित प्रत्याशी जयेंद्र रमोला (Congress Candidate Jayendra Ramola) इस दरमियान हरिपुरकलां से ऋषिकेश तक स्वागत कार्यक्रमों के लिए निकलेंगे। अगर बगावत की आशंकाओं को वाकई हवा मिली तो कांग्रेस मुश्किल में पड़ सकती है।
एक दिन पहले कांग्रेस ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की अपनी दूसरी लिस्ट में ऋषिकेश सीट पर भी कैंडिडेट घोषित किया। 9 दावेदारों में से टिकट आखिर युवा जयेंद्र रमोला के हाथ आया। बताया जा रहा है कि ऐसा युवा कांग्रेस कोटे से पेश दावे और कुछ आला नेताओं की मेहरबानी के चलते संभव हुआ। लेकिन इस घोषणा के साथ ही कांग्रेस में शेष दावेदारों के बीच खलबली मच गई। खासकर अंतिम पैनल में शामिल दो अन्य दावेदार अभी तक इस ऐलान से ‘मुतमईन’ नहीं दिख रहे हैं।
आलम यह है कि पूर्व काबीना मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण (Shoorveer Sihgn Sajwan) ने अपनी इंटरनेट पोस्ट में इसे कुछ लोगों द्वारा अपनी ‘राजनीतिक हत्या’ तक की संज्ञा दे डाली है। साथ ही उन्होंने आज क्षेत्र में अपने करीबियों से रायशुमारी कर आगे का फैसला लेने की बात भी लिखी है। मीडिया रिपोर्ट्स में उनके हवाले से यह भी कि ‘वह नहीं जनता चुनाव लड़ाना चाहती है’ सामने आ रहा है।
बता दें शूरवीर सिंह सजवाण 2002 से 2007 तक ऋषिकेश विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वहीं 2007 में उन्हें अपनों के ही कुचक्र के चलते सीट गंवानी पड़ी थी। इसके बाद वह जरूर इस क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे। मगर, पिछले 4 सालों से क्षेत्र के चप्पे-चप्पे को नाप कर लोगों के दिलों में अपने लिए फिर से जगह बनाते दिखते रहे हैं। इसी बुनियाद पर उन्होंने इसबार कांग्रेस से टिकट का दावा किया।
वहीं, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला (Rajpal Kharola) 2012 और 2017 में यहां कांग्रेस के प्रत्याशी रहे। मगर भाजपा की लहर दर लहर के चलते वह कामयाब नहीं हो सके। इसबार उम्मीद थी कि पार्टी पिछली हारों की भरपाई के लिए उन्हें मौका देगी, लेकिन टिकट उनकी बजाए जयेंद्र रमोला को सौंप दिया गया। बताया जाता है कि मौजूदा प्रत्याशी जयेंद्र रमोला और उनके बीच लंबे समय से खाई बनी हुई है। जिसका भरना फिलहाल मुश्किल ही लग रहा है। सो, राजपाल खरोला ने भी आज अपने इंटरनेट पोस्ट में 3 बजे श्यामपुर में अपने शुभचिंतकों की बैठक कॉल की है। हालांकि इस बैठक का एजेंडा उन्होंने साफ नहीं किया है।
स्थानीय राजनीति के जानकार इन घटनाक्रमों पर कहते हैं कि कांग्रेस में ‘बगावत’ अवश्यंभावी दिख रही है। जो कि एक-दो दिन में तस्वीर साफ भी हो जाएगी। ऐसे कयास भी हैं कि कई अन्य विधानसभाओं में जिस तरह भाजपा और कांग्रेस के टिकट से वंचित दावेदार एक मंच पर आकर किसी एक नाम पर सहमति बना रहे हैं, क्या ऐसा ऋषिकेश में भी संभव हो सकता है? लिहाजा, नए परिदृश्य में अगर कांग्रेस में बगावत के हालात बने, तो पार्टी के लिए मुश्किलें तय हैं।