Rishikesh : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Aiims) में इमरजेंसी की सेवाओं में विस्तार से अब आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचे मरीजों का त्वरित और आसानी से इलाज संभव हो सकेगा। संस्थान ने इमरजेंसी विभाग में बेडों की संख्या बढ़ाकर 40 करने के साथ ही अन्य सुविधाओं में भी इजाफा किया है।
मंगलवार को संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. मीनू सिंह ने एक मरीज के हाथों रिबन कटवाकर इमरजेंसी की ‘पेशेंट रिसीविंग बे’ का शुभारंभ कराया। बताया कि नई व्यवस्था से पेशेंट को इमरजेंसी में रिसीव करने और उसे ट्रॉयज करने में आसानी होगी। बेहद कम समय में इमरजेंसी मरीज का इलाज शुरू किया जा सकेगा। बताया कि इमरजेंसी का नया एरिया पूरी तरह से सीसीटीवी की निगरानी में है। इससे मरीजों के इलाज और स्टाफ के बर्ताव दोनों को ही मॉनिटर किया जा सकता है।
डॉ. पूनम अरोड़ा के संचालन में संस्थान के उप निदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल एआर मुखर्जी, डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित त्यागी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मौके पर ट्रामा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, जनरल मेडिसन विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी धर, जनरल सर्जरी के एचओडी प्रो. सोमप्रकाश बासु, फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र हांडू, डॉ.नीरज कुमार, डॉ. मधुर उनियाल, डॉ.पंकज शर्मा, इमरजेंसी विभाग की एचओडी डॉ. निधि केले, डॉ. सुब्रह्यण्यम, सीएनओ डॉ. रीटा शर्मा, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय आदि मौजूद थे।
इमरजेंसी अब यह व्यवस्था
एम्स की इमरजेंसी में नई व्यवस्था के तहत ’पेशेंट रिसिविंग बे’ में अब मॉनिटर की सुविधा युक्त 6 वेंटिलेटर बेड और 4 रिसेसिटेशन बेड बढ़ाए गए हैं। बेड बढ़ाए जाने से अब एम्स की इमरजेंसी में बेडों की संख्या 40 हो गई है। इससे पहले तक एम्स की इमरजेंसी में 30 बेडों की व्यवस्था थी। जिनमें 12 बेड रेड एरिया और 12 बेड येलो एरिया के अलावा गंभीर मरीजों के लिए 6 आईसीयू बेड शामिल हैं।