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राज्य आंदोलनकारियों ने उठाया भू-कानून और मूल निवास का मुद्दा

नरेंद्रनगर में 21वें राज्य स्थापना दिवस पर क्षेत्र के राज्य आंदोलनकारी हुए सम्मानित

• आंदोलनकारियों ने 21 वर्ष में पहली बार सुध लेने पर तहसील प्रशासन का जताया आभार

नरेंद्रनगर (शिखर हिमालय)। उत्तराखंड राज्य के 21वें स्थापना दिवस पर तहसील में आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र के चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान व्यक्त विचारों में आंदोलनकारियों ने प्रदेश के मूल नागरिकों के हित में भू-कानून के निरस्तीकरण और मूल निवास की कट ऑफ डेट संविधान के अनुरूप करने की मांग उठाई।

मंगलवार को तहसील सभागार में नगरपालिका नरेंद्रनगर के अध्यक्ष राजेंद्र विक्रम सिंह पंवार की अध्यक्षता और उपजिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी की मौजूदगी में सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नरेंद्रनगर, मुनिकीरेती, गूलर दोगी आदि क्षेत्रों से आए राज्य आंदोलनकारियों को पालिकाध्यक्ष और एसडीएम द्वारा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। आंदोलनकारियों ने 21 वर्षों में पहली बार उनकी सुध लिए जाने पर तहसील प्रशासन का आभार जताया।

इस बीच पालिकाध्यक्ष पंवार ने राज्य आंदोलन की यादों को दोहराते हुए आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को उल्लेखनीय बताया। एसडीएम डीएस नेगी ने सभी आंदोलनकारियों का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार जताया गया। साथ ही भविष्य के लिए आंदोलनकारियों से राज्य व क्षेत्र के हित में मिलकर काम करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम के दौरान राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि प्रदेश में भू कानून और मूल निवास के स्थान पर स्थायी निवास के प्रावधान के कारण राज्य के मूल निवासियों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है। आशंका जताई कि इन कानूनों के कारण आने वाले वक्त में खासकर पहाड़ और पहाड़वासी अपनी जमीन से भी बेदखल होकर रह जाएंगे। ऐसे में हमें फिर से एकजुट होने की जरूरत है।

आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार से भू अध्यादेश को तत्काल रद्द करने और मूल निवास की कट ऑफ डेट संविधान के अनुरूप 1950 करने की पूरज जोर मांग उठाई। इसके अलावा राज्य पुनर्गठन 2000 की धारा 79, 80, 81 और 82 को भी खत्म करने की जरूरत बताई गई। जिसमें जल पर वर्तमान में राज्य का अधिकार नहीं होने की व्यवस्था है।

कार्यक्रम में पूर्व नगर पंचायत मुनिकीरेती अध्यक्ष मनोज द्विवेदी, पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती शिवमूर्ति कंडवाल, प्रेमसिंह नेगी, जगदीश कुलियाल, सरस्वती जोशी, राजेंद्र सिंह रावत, मोर सिंह कठैत, प्रतिमा रावत, विनोद कुमार ध्यानी, सतीश गुप्ता, शंभूप्रसाद चमोली, बलबीर सिंह रावत, सुरेंद्र सिंह, विनोद बड्थ्वाल, धनेश कोठारी, नवनीत उनियाल, राजपाल पुंडीर, उपेंद्र थपलियाल, नलिन भट्ट, सरोज कोठारी, भगवान सिंह रावत, दिनेश कोटियाल, सियाराम कुड़ियाल, प्रकाश ड्यंडी, प्रभा रतूड़ी, जगदीश शर्मा, गोपाल चौहान, दिलवर सिंह, एमएस गुसाईं आदि मौजूद थे।

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