
शिखर हिमालय डेस्क
ऋषिकेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के प्रति अपने विशेष लगाव का जिक्र किया। बोले- यहां से मेरा मर्म और कर्म के साथ सत्व और तत्व का भी नाता है। देवभूमि ने मेरे साथ अनकों लोगों की जीवनधारा को बदलने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने उत्तराखंड राज्य के गठन और बतौर मुखिया अपने राजनीतिक सफर के संयोग की बात को भी साझा किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने यह बातें एम्स ऋषिकेश में 35 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के वर्चुअल शुभारंभ पर कही। कहा कि आज से ही नवरात्र का पर्व शुरू हो रहा है। पहले दिन शैलपुत्री की पूजा होती है जो कि हिमालय पुत्री है। आज यहां होना, यहां की मिट्टी को प्रणाम करना हिमालय को नमन करना है। मेरे जीवन में इससे बड़ा धन्य भाग और कौन सा हो सकता है। उत्तराखंड देवभूमि और तपोस्थली भी है। योगनगरी के रूप में यह दुनिया को आकर्षित कर रही है।
राज्य गठन और अपनी राजनीतिक यात्रा के संयोग पर बोले- साल 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था। जबकि इसके कुछ ही महीने बाद ही आज ही के दिन मुझे बतौर गुजरात सीएम जनसेवा का अहम दायित्व मिला। कहा कि मैंने पहले सीएम और फिर पीएम के पद तक पहुंचने की कल्पना भी नहीं की थी। ऐसे महत्वपूर्ण वर्ष में जिस धरती ने मुझे स्नेह और अपनत्व दिया, वहां आना मैं अपना सौभाग्य मानता हूं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हिमालय की यह तपोभूमि त्याग का मार्ग दिखाती है। इस भूमि पर आकर करोड़ो देशवासियों की सेवा का मेरा संकल्प और दृढ़ हुआ है। यहां आकर मुझे एक नई ऊर्जा मिलती है।