
तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे से देश और उत्तराखंड को गहरा आधात लगा है। हादसे ने देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को छीन लिया। हेलीकॉप्टर में उनके साथ पत्नी मधुलिका भी सवार थी। जनरल रावत के सफर पर आइए डालते हैं एक नजर-
63 वर्षीय जनरल रावत ने जनवरी 2019 में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का कार्यभार संभाला था। यह पद देश की तीनों सेनाओं, थलसेना, नौसेना और वायुसेना को एकीकृत करने के उद्देश्य से सृजित किया गया। बाद में उन्हे नवनिर्मित, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स का भी प्रमुख नियुक्त किया गया।
जनरल रावत उत्तराखंड के पौड़ी जिले के मूल निवासी थे। उनका जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में चौहान राजपूत परिवार में हुआ। ये परसई या परसारा रावत है, जो गढ़वाल के उत्तराखंड के चौहान राजपूतों की शाखा कही जाती है। जनरल रावत की माताजी परमार वंश से है।
जनरल बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत, जो सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से शिक्षा ली। जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर‘ दिया गया।
वह फोर्ट लीवनवर्थ, यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंग्टन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी रहे। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया था। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।