
Politics of Haridwar: कांग्रेस से अप्रत्यक्ष बगावत कर बेटे और बेटी को भाजपा ज्वाइन कराना भी भगवानपुर विधायक ममता राकेश के काम नहीं आया। हरिद्वार में ब्लॉक प्रमुख के लिए घोषित कैडिडेट में ममता राकेश की बेटी आयुषी का नाम नहीं है। बीजेपी ने यहां पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल की बेटी करुणा को टिकट दिया है। ऐसे में सवाल कि क्या ममता पर कांग्रेस पहले जैसा विश्वास कर पाएगी?
दरअसल, हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भगवानपुर ब्लॉक प्रमुख के पद पाने की नियत से विधायक ममता राकेश ने बेटे अभिषेक और बेटी आयुषी को बीडीसी चुनाव मैदान में उतारा। बेटी आयुषी तेलपुरा से निर्विरोध जीत गई, मगर बेटा अभिषेक चुनाव हार गया। जिसके बाद अभिषेक और आयुषी ने पिछले दिनों भाजपा का दामन थाम लिया।
ममता राकेश ने बेटा-बेटी के भाजपा ज्वाइन करने को उनका स्वतंत्र विचार बताया। जबकि इसकी असल वजह बेटे की हार के तौर पर सामने आई। जिसके लिए ममता राकेश ने कांग्रेस के एक पूर्व राज्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया। माना जा रहा था कि आयुषी को ब्लॉक प्रमुख का टिकट मिलने के शर्त पर बीजेपी में ज्वाइनिंग हुई। लेकिन अंदरूनी विरोध के चलते भाजपा ने आयुषी की बजाए सिसौना से जीती करुणा को टिकट थमा दिया।
ऐसे में ममता राकेश की राजनीति पर भी सवाल उठने लगे हैं। भाजपा का भरोसा न जताने के बाद अब ममता के लिए कांग्रेस में खुद के लिए पहले जैसा विश्वास कायम रखना आसान नहीं है। बेटी के लिए जैसे समीकरण कांग्रेस में रहते बन सकते थे, उन्होंने उसे भी बिखेर दिया है। यानि की इस फैसले से उनपर ‘माया मिली न राम’ वाला दोहा सटीक बैठ रहा है।
भाजपा के 5 ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने दून में हरिद्वार पंचायत चुनाव के लिए 5 ब्लॉक प्रमुख के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। जिसके अनुसार खानपुर से नितीश कुमार, नारसन से कोमल देवी, भगवानपुर से करूणा कर्णवाल, लक्सर से डॉ. हर्ष कुमार दौलत और बहादराबाद से आशा नेगी को टिकट दिया गया है।