पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी की कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद लोकार्पित
साहित्यकार डॉ. विनोद रतूड़ी ने किया है अनुवाद, पोएट्री इन ट्रांसलेशन पर परिचर्चा
देहरादून। साहित्यकार पदमश्री लीलाधर जगूड़ी की प्रतिनिधि कविताओं के अंग्रेजी अनुवाद की पुस्तक “रिस्सिटेशन ऑफ़ एक्सपीरिएंसेज़ः रोमेंसिंग द पोएटिक्स ऑफ़ लीलाधर जगूडी“ का लोकार्पण किया गया है। किताब का अंग्रेजी में अनुवाद शिक्षाविद् एवं साहित्यकार डॉ. विनोद रतूड़ी द्वारा किया गया है।
हरिद्वार बाईपास मार्ग स्थित एक होटल में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि डीजीपी (सेनि.) अनिल रतूड़ी, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री लीलाधर जगूडी, उत्तराखंड संस्कृत महाविद्यालय की पूर्व कुलपति डॉ. सुधारानी पांडे और प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. महेश कुड़ियाल ने संयुक्त रूप से किया।
लोकार्पण समारोह के बाद ‘पोएट्री इन ट्रांसलेशन’ विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी ने कहा कि जगूड़ी की रचनाधर्मिता को इलियट और वर्ड्सवर्थ के मध्य रखा जा सकता है। पद्मश्री लीलाधर जगूडी ने कहा कि कविता भाषा का ही एक परिष्कृत रूप है, जो भाषा की सीमा और सामर्थ्य को निरंतर बढ़ाती रहती है। किसी रचना को दूसरी भाषा में रूपांतरित देखकर इसी जन्म में दूसरा स्वरूप प्राप्त कर लेने का अहसास होता है।
लेखक डॉ. विनोद रतूड़ी ने बताया कि साहित्कार लीलाधर जगूड़ी की रचनाओं का अनुवाद करना उनके लिए एक अद्भुत अनुभव रहा। उनकी कविताएं न सिर्फ़ चेतना को जागृत करती हैं, साथ ही जीवन के मूल्यों, वास्तविकताओं और विसंगतियों पर सोचने के लिए भी प्रेरित करती हैं।
परिचर्चा में प्रबुद्ध साहित्यकार राजेश सकलानी, चंद्रनाथ मिश्रा, नवीन नैथानी, विजय गौड़, समदर्शी बर्थवाल, शेखर तिवारी आदि ने विचार रखे। वक्ताओं ने लीलाधर जगूडी की कविताओं के वृहद् अंग्रेज़ी अनुवाद के लिए डॉ. विनोद रतूड़ी की पहल की सराहना भी की।