
देहरादून। हिमालय दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा ऐलान किया। बताया सरकार उत्तराखंड सरकार प्रसिद्ध पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा की स्मृति में ‘सुंदरलाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार’ की शुरूआत करने जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धाम ने यह बात हिमालय दिवस पर आयोजित बेबीनार के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हिमालय हमारी विरासत और भविष्य दोनों ही है। हिमालय पूरे विश्व और मानवता के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए हिमालय का संरक्षण जरूरी है। हम सभी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। कहा कि हिमालयी राज्यों के साथ सम्मेलन पर भी विचार किया जा रहा है।
हिमालय दिवस पर आयोजित बेबीनार में सीएम ने यह बात कही। कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए सतत विकास की नीति पर बल दिया जाना चाहिए। हिमालय से सदानीरा नदियां प्रवाहित होती हैं, जिनके किनारे मानव सभ्यता विकसित हुई है। जलस्रोतों और वनों का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता में है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हिमालय भारत का प्रहरी है। हिमालय दिवस को बड़े स्तर पर आयोजित किए जाने की आवश्यकता है। स्कूली पाठ्यक्रमों में हिमालय संरक्षण संबंधी अध्याय होना चाहिए।
पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि हिमालय संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ी है। देशभर में 200 से अधिक स्थानों पर हिमालय दिवस मनाया जा रहा है। सुझाव दिया कि पारिस्थितिकी और आर्थिकी को जोड़ते हुए उत्तराखंड के लिए स्टेट प्लान बनाया जाना चाहिए।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर पर्यावरण योजना बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। नदियों और जलस्रोतों के संरक्षण पर भी काफी काम किया गया है।
कार्यक्रम में हिमालय यूनाइटेड मिशन (हम) की पुस्तक ’हिमालय दिवस’ का विमोचन किया गया। वेबिनार में अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी और जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।