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ज्योतिषः हफ्तेभर बाद बदलेगा 6 राशियों का ‘किस्मत कनेक्शन’

Astrology: ज्योतिषशास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को सबसे शुभ माना जाता है। बृहस्पति की कृपा के बिना जातकों को कोई भी शुभ फल प्राप्त नहीं होता है। सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह देवगुरु बृहस्पति की हलचल विशेष मायने रखती है। गुरु ग्रह बीते दो वर्षों से शनि की राशियों में विराजमान थे। इस महीने सभी 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। बृहस्पति 12 साल बाद अपनी स्वराशि में गोचर करने वाले हैं। गुरु ग्रह का राशि परिवर्तन कुछ के लिए शुभ तो कुछ के लिए कष्टकारी हो सकता है।

ज्योतिषाचार्य डॉ चंडीप्रसाद घिल्डियाल बताते है कि वर्तमान अप्रैल माह ग्रह-गोचर के नजरिए से बेहद खास है। इस महीने सभी 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा। जिनमें देवगुरु बृहस्पति का भी गोचर होगा। बृहस्पति 12 साल बाद अपनी स्वराशि मीन में गोचर करने वाले हैं। गुरु 13 अप्रैल को सुबह 11:23 बजे मीन राशि में प्रवेश करेंगे।

बताया कि सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह देवगुरु बृहस्पति का यह राशि परिवर्तन कुछ राशियों के लिए भाग्यशाली साबित होगा तो कुछ राशियों को कष्ट भी प्रदान करेगा। इसमें छह राशियां उपचार सहित भाग्यशाली साबित हो सकती है।

बृहस्पति के गोचर का राशियों पर प्रभाव
मेष- बृहस्पति का गोचर 12वें भाव में होगा। गोचर की अवधि में देश-विदेश की यात्रा संभव। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। दांपत्य जीवन में खुशियां रहेगी। व्यापार में मुनाफा हो सकता है। वैदिक पद्धति से सिद्ध बृहस्पति का यंत्र धारण करना सोने पर सुहागा रहेगा।

वृषभ- गुरु का गोचर 11वें भाव में होगा। 11वां भाव आय का होता है। आय स्थान में गुरु के आने से निवेश से लाभ हो सकता है। गोचर के दौरान कोई बड़ा धन लाभ भी संभव। गुप्त स्रोत से भी आर्थिक लाभ की संभावना। पारिवारिक रिश्तों में मधुरता। विद्यार्थियों के लिए गोचर अच्छा रहेगा।

मिथुन- गुरु का गोचर कर्म भाव में होगा। 10वां भाव कर्म का माना जाता है। 10वें भाव में गुरु के गोचर से रोजगार में जबरदस्त सफलता मिलेगी। चिकित्सा, कानून और खाद्य से जुड़े रोजगार वालों के लिए अनुकूल। करियर में नया मुकाम मिलेगा। नौकरीपेशा को कार्यस्थल पर सम्मान मिलेगा। पूर्ण फल के लिए बृहस्पति का यंत्र धारण करें।

कर्क- गुरु 9वें भाव भाग्य स्थान में गोचर करेंगे। गोचर की अवधि अनुकूल साबित होगी। कार्यस्थल पर कार्यों की सराहना होगी। सैलरी में बढ़ोत्तरी भी संभव। कारोबारियों के लिए गोचर लाभकारी साबित होगा। दैनिक आय में वृद्धि होगी। बड़ी संपत्ति खरीदने की संभावना है।

सिंह- गुरु का गोचर 8वें भाव में गोचर से आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। आर्थिक उन्नति के कई रास्ते मिलेंगे। इस अवधि में किसी के दखल से वैवाहिक रिश्ता बिगड़ने की संभावना। बृहस्पति ग्रह का यंत्र फलदायी रहेगा।

कन्या- बृहस्पति का गोचर लाभकारी साबित होगा। परिवार के साथ खुशनुमा पल बिताएंगे। जो लोग शादीशुदा नहीं हैं, उनके लिए रिश्ता आ सकता है। दांपत्य जीवन में रिश्ता मजबूत रहेगा। साझेदारी वाले व्यापार में आर्थिक लाभ संभव।

डॉ घिल्डियाल के अनुसार धनु और मीन राशि के स्वामी स्वयं देवगुरु हैं, इसलिए उन राशियों के लिए भी परिणाम अनुकूल रहेंगे। शेष राशियों के जातकों को देवगुरु के गोचर से कच्ट मिल सकता है। उन्हें कुंडली विश्लेषण कराकर उपाय करने चाहिए।

 

(नोट – ज्योतिषाचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल कुंडली, हस्तरेखा और वास्तु शास्त्र के मर्मज्ञ के साथ-साथ यंत्र साधना के अच्छे जानकार हैं। आप उनसे संपर्क कर सकते हैं। निवास’ 56/1 धर्मपुर, देहरादून, उत्तराखंड। कैंप कार्यालय- सी- 800, आईडीपीएल कॉलोनी, वीरभद्र, ऋषिकेश। मोबाइल -9411153845)

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