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बेटियों की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारीः सीएम

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर महिला खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस महिला सशक्तिकरण के प्रयासों को और अधिक मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। कहा कि बेटियों की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। बेटियों का अपमान करने वाले के खिलाफ हम कठोर कार्रवाई से कभी पीछे नहीं हटेंगे।

मुख्यमंत्री धामी ने यह बात राष्ट्रीय बालिका दिवस पर परेड ग्राउंड स्थित नवीन बहुद्देशीय हॉल में ‘महिलाओं की खेल में सहभागिता’ विषय पर आयोजित सेमिनार के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने खेलों में सराहनीय प्रदर्शन करने वाली महिला खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया। धामी ने कहा कि उत्तराखंड में तीलू रौतेली, टिंचरी माई, गौरा देवी, चन्द्रप्रभा ऐतवाल, गंगोत्री गर्ब्याल, बछेंद्री पाल, वंदना कटारिया जैसे अनेक नाम हैं, जिन्होंने हर चुनौती को छोटा साबित कर प्रदेश का मान बढ़ाया। आज भी हमारी बेटियां हर क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बना रही हैं।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। वहीं प्रदेश की 80 हजार बालिकाओं को 323 करोड़ रुपये की धनराशि “नंदा गौरा योजना“ के अंतर्गत हस्तांतरित की गई। कहा कि विद्यालयों मे बेटियों के नामांकन में बढ़ोतरी हुई है और लिंगानुपात में सुधार हुआ है, इससे स्पष्ट है कि बेटियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं सफल हो रही हैं। सरकार ने भी बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, स्वास्थ और कौशल विकास तक के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं, जिनमें “महालक्ष्मी किट योजना“, “खुशियों की सवारी“ योजना, “नंदा गौरा“ योजना, “मुख्यमंत्री आंचल अमृत“ योजना,“मुख्यमंत्री महिला पोषण“ जैसी योजनाएं शामिल हैं।

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास व खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य में बालिकाएं खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ें इसके लिए राज्य में नई खेल नीति में हर संभव सुविधा देने के प्रयास किए हैं। खिलाड़ियों को भोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि 150 रुपए से बढ़ाकर 175 रुपए की गई है। राज्य में लगभग 3900 बच्चों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 1500 रुपए प्रति बच्चे को छात्रवृत्ति दी जा रही है, जिसमें 50 प्रतिशत बालिकाएं शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना के जरिए 2025 तक राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना में प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट दी जा रही है। खुशियों की सवारी योजना के माध्यम से गर्भवती महिला को अस्पताल तक लाने की व्यवस्था एवं बच्चे के जन्म के बाद जच्चा एवं बच्चा को घर तक ले जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। नंदा गौरा योजना के तहत राज्य में गरीब कन्याओं के लिए राज्य सरकार द्वारा 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही बालिका के जन्म के समय माता- पिता को 11 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, सविता कपूर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, खेल निदेशक जितेन्द्र सोनकर के अलावा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आई बालिकाएं मौजूद थी।

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