उत्तराखंड में हटाए गए 15 मंडी समिति अध्यक्ष
कृषि उत्पादन मंडी समिति हल्द्वानी और किच्छा के उपाध्यक्ष भी हटे

देहरादून। कृषि उत्पादन मंडी समितियों में कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकार ने 15 मंडी समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को हटा दिया है। अब नए एक्ट के मुताबिक ही नए अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को मंडी समितियों में नामित किया जा सकेगा।
14 जनवरी 2020 को प्रदेश की 23 में से 15 मंडी समितियों के अध्यक्ष समेत हल्द्वानी और किच्छा मंडी समिति के उपाध्यक्ष को नामित करने की अधिसूचना जारी की गई थी। राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंधन निदेशक निधि यादव ने शासन के आदेश पर 15 मंडियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षो को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश में मंडी समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को हटाने का कारण नए मंडी एक्ट को बताया जा रहा है। 2020 में सरकार ने उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी विकास एवं विनियमन अधिनियम (एपीएमसी) के नियमों के तहत 15 मंडियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नामित किए थे। अक्तूबर 2020 से राज्य में उत्तराखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन (प्रोत्साहन एवं सुविधा) अधिनियम लागू है। लिहाजा अब नए एक्ट के प्रावधानों के अनुसार ही अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को नामित किया जा सकेगा।
मंडी समितियों में हटाए गए अध्यक्षों में राजेश शर्मा देहरादून, विनोद कुकरेती ऋषिकेश, डॉ. मधु सिंह मंगलौर, जोगेंद्र सिंह पुंडीर रुड़की, विनोद नेगी चमोली, मनोज कपिल भगवानपुर मनोज शाह हल्द्वानी, रुपेंद्र सिंह बग्गा काशीपुर, अमरजीत सिंह सितारगंज, कमलेंद्र सेमवाल किच्छा, सत्य भूषण सिंगला बाजपुर, मान सिंह अधिकारी रामनगर, रामदत्त जोशी टनकपुर, समेत उपाध्यक्षों में रविंद्र रैंकली हल्द्वानी, विशाल सिंह फुटेला किच्छा के नाम शामिल हैं।