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आनंद रावत क्यों बोले, मेरे पिता ने मुझे ‘येड़ा’ समझा !

हरीश रावत के बेटे की इंटरनेट पोस्ट बनी सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र

Uttarakhand Politics: पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) के पुत्र और युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह रावत (Anand Singh Rawat) की एक इंटरनेट पोस्ट सियासत के गलियारों में चर्चाओं का केंद्र बिंदु बन गई है।

आनंद ने इस पोस्ट के जरिए अपने पिता के साथ ही प्रदेश में तमाम राजनेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। जो कि युवाओं के रोजगार को लेकर हैं। उन्होंने इसी पोस्ट में केरल की युवा रोजगार नीति को सामने रखकर आईना दिखाने की कोशिश भी की है। पोस्ट के आखिरी में उन्होंने अपने पिता की दृष्टि में खुद के लिए ‘येड़ा’ शब्द का इस्तेमाल किया है। हालांकि उनकी इस पोस्ट को अपने फेसबुक पेज पर शेयर करते हुए हरीश रावत ने Wonderful_thinking के हैश टैग के साथ लिखा कि “तुम्हारा पिता भी वक्त का मारा हुआ है।”

बकौल आनंद रावत
skill+communication सफलता का मूलमंत्र है। प्रदेश के आईटीआई, पॉलीटेक्निक व सॉफ़्टवेयर इंजीनीयर लड़के और लड़कियां, उत्तराखंड के आधूनिक शिल्पकार हैं, और इनकी दक्षता पूरे विश्व में बुलंदी के झण्डे गाड़ सकती है। सवाल है कि “ये कैसे सम्भव हो“?

हमारे नेताओं ने प्रदेश में 72 पॉलीटेक्निक व 48 आईटीआई तो खोल दिए, जो पूरे भारत में सबसे अधिक किसी राज्य में है, और प्रति वर्ष 20 हज़ार स्किल्ड (skilled) लड़के और लड़कियाँ बाज़ार में नौकरी के लिए तैयार हो भी रहे है।

सिडकुल (sidcul) में अनुभवी पॉलीटेक्निक पास युवा को प्रतिमाह 12974 (बारह हज़ार नौ सौ चौहत्तर मात्र) रुपये और अनुभवी आईटीआई पास युवा को प्रतिमाह 10340 (दस हज़ार तीन सौ चालीस मात्र) रुपये मिलते है। जबकि केरल में पॉलीटेक्निक की संख्या 42 और आईटीआई 35 के आसपास है। वहां की न्यूनतम आय दक्ष कारीगर के लिए 22 हज़ार है। क्योंकि वहां का युवा विदेश में नौकरी करने का इच्छुक अधिक होता है, इसीलिए वहां मांग अधिक है।

केरल की सरकार skill+communication पर ज़ोर देती है और अपने अनुभवी कारीगरी में दक्ष युवाओं को अन्तरराष्ट्रीय बाज़ार में भी रोज़गार उपलब्ध कराती है। जैसे उत्तराखंड सरकार ने उपनल एजेन्सी सरकारी विभाग में नौकरी देने के लिए बनायी है, ऐसे केरल सरकार ने नोरका रूट्स एजेन्सी बनायी है, जो विदेशों में स्किल्ड (skilled) युवाओं को रोज़गार दिलाती है।

कनाडा में स्किल्ड युवा मतलब पॉलीटेक्निक व आईटीआई पास युवा साल के 46800 डॉलर कमाता है, जो प्रतिवर्ष बत्तीस लाख के आसपास होता है। और इसी अनुपात में जापान, ताइवान व खाड़ी देशों में भी कमाता है।

अब फिर सवाल वही है कि “करेगा कौन“। आपके नेता तो अपने समर्थकों को उनके जन्मदिन पर बधाई या किसी परिचित के शोक संदेश वाले पोस्ट करने में व्यस्त हैं, और आप लोग उनके क्रियाकलाप से ख़ुश हो?

चाहे हरीश रावत जी हो या किशोर उपाध्याय जी या फिर युवा नेता विनोद कंडारी, सुमित हृदेश, रितु खण्डूरी सबके Facebook पर आपको इसी तरह की पोस्ट मिलेगी। लेकिन राज्य चिन्तन पर कुछ नहीं मिलेगा?

मेरे पिताजी मेरे चिन्तन व विचारों से परेशान रहते हैं, शायद उन्होंने हमेशा मेरी बातें एक नेता की दृष्टि से सुनी और मुझे येड़ा समझा।

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