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Uttarakhand: भारत के अंतिम गांव तक पहुंचा है विकासः मोदी

भारत के सीमांत गांव माणा में पीएम नरेंद्र मोदी ने किया जनसभा को संबोधित

PM Modi in Mana Uttarakhand: देश के अंतिम गांव माणा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का होगा। सीमा पर रहने वाले लोग देश के सशक्त प्रहरी हैं। सीमा का आखिरी गांव ही पहला गांव है। बार्डर के गांवों में चहल पहल बढ़नी चाहिए। भारत के अंतिम गांव तक विकास पहुंचा है। विकास के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। गुलामी की मानसिकता को हटाना होगा।

पीएम मोदी ने माणा में अपना संबोधन जय बदरी विशाल और जय बाबा केदार के साथ शुरू किया। कहा कि आज बाबा केदार और बदरी विशाल के दर्शन कर जीवन धन्य हो गया। कहा कि बाबा के आदेश और कृपा से पिछली बार जब आया था तो कुछ शब्द मेरे मुंह से निकले वह मेरे नहीं थे। कैसे आए, क्यों आए, किस लिए आए पता नहीं था। मुझे विश्वास है कि इन शब्दों पर बदरी विशाल व मां गंगा का आशीर्वाद बना रहेगा। मेरा सौभाग्य है आज नई परियोजना के साथ उसी संकल्प को दोहराने आया हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में भारत निर्माण के प्रमुख स्तंभ अपनी विरासत पर गर्व व विकास के लिए हर संभव प्रयास करना है। आज उत्तराखंड इन दोनों पर कार्य कर रहा है। परमात्मा ने जो काम दिया है वह मुझे करना होता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सीमा पर बसे आप जैसे सभी साथी देश के सशक्त प्रहरी हैं। पुरानी याद के बारे कहा कि 25 साल पहले जब उत्तराखंड में भाजपा कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता था। उस समय माणा में मैने उत्तराखंड भाजपा कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी। उस समय सभी नाराज थे कि कितनी मेहनत से आना पड़ेगा और समय लगेगा। मैंने कहा था कि जिस दिन माणा का महत्व जाना जाएगा उस दिन बेहतर होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग विदेश की संस्कृति की तारीफ करते नहीं थकते और अपनी संस्कृति से हीनभावना रखते हैं। आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के निर्माण और राममंदिर के निर्माण के समय क्या हुआ सभी जानते हैं। इसके पीछे पिछली सरकारों का निजी स्वार्थ था। वह भूल गए कि आस्था का केंद्र सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि प्राणवायु के तरह है जो हमें जीवंत बनाए रखती हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि परिवर्तन की साक्षी बन रही है। पहले पांच लाख श्रद्धालु सीजन में आते थे अब 45 लाख पहुंच गया है। जब पहाड़ पर रेल, रोड और रोपवे बनते हैं तो यह सुविधा टूरिज्म बढ़ाने के साथ ट्रांसपोर्ट को आसान करती है व युवाओं को रोजगार देती है। कहा कि पहाड़ के गांव के ताजा फल, सब्जी स्थानीय बाजार पहुंचे जिससे स्थानीय लोग की कमाई अधिक हो। इसके लिए हम ड्रोन तकनीकी को लाना चाहते हैं जिससे यह कार्य और भी आसान होगा।

प्रधानमंत्री ने महिलाओं द्वारा तैयार स्थानीय मसाला, पहाड़ी नमक को लेकर कहा कि उन्हें यह काफी अच्छा लगा। यात्री व प्रवासी संकल्प लें कि यात्रा में जितना भी खर्चा करते हैं जहां भी जाएं वहां पांच प्रतिशत उस क्षेत्र के स्थानीय उत्पाद को जरूर खरीदें। यदि आपके घर में है तो दूसरे को भेंट दे दीजिए। आपको भी जीवन में संतोष व आनंद की अनुभूति होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि पहाड़ के लोगों के पहली पहचान है कि वह बहुत मेहनती होते हैं। वह संकट के बीच जीना सीख लेते हैं। लेकिन पहले की सरकारों के समय दशकों तक उपेक्षा हुई। पहाड़ के लोग के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करना था, जो इस गांव को आखिरी गांव के रूप में जानते थे हमने वहां के लोग को फोकस कर पहला गांव माना। मुश्किल हालात में पहाड़ के लोग को मदद मिलनी चाहिए।

पीएम बोले बार्डर के गांवों में चहल-पहल रहे और उत्सव मनाएं, इस पर कार्य करना है। कहा कि पाकिस्तान की सीमा पर गुजरात में कई गांव है जो आज टूरिस्ट पैलेस बन गए हैं। उत्तराखंड के माणा में जो सड़क बनेगी उससे विकास होगा और टूरिस्ट भी बढ़ेंगे। जोशीमठ से मलारी सड़क चौड़ीकरण का भी लाभ मिलेगा। कहा कि देश के सीमा से सटे इलाकों को सड़कों से जोड़ा जा रहा है। पहाड़ों पर सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए, सागरमाला, भारतमाला की तर्ज पर पर्वतमाला का काम आगे बढ़ रहा है।

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