उत्तराखंडसियासत

वोटर के बदलते ‘मिजाज’ से बनते बिगड़ते ‘समीकरण’

• धनेश कोठारी

Uttarakhand Election 2022: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की मुनादी होने में अब कुछ ही वक्त शेष है। भाजपा (BJP) जहां सत्ता का भरपूर उपयोग कर 2022 के मिशन को 60 प्लस तक ले जाना चाहती है, तो कांग्रेस (Congress) भी मुखर होकर जनमुद्दों को हवा देने में पीछे नहीं है। तीसरे विकल्प के तौर पर पहली बार आम चुनाव में दस्तक दे रही आम आदमी पार्टी (Aap) रफ्ता-रफ्ता कारवां बढ़ रहा है। ऐसे वक्त में आ रहे सर्वे में भाजपा की बढ़त कायम है, मगर उसका वोट प्रतिशत गिर भी रहा है। कारण, फिलवक्त वोटर किसी एक पाले की बजाए रोज अपना मिजाज बदल रहा है। लिहाजा, ऐसे में राजनीतिक दलों की हार्ट बीट का बढ़ना भी लाजिमी है।

एकदिन पहले ही ABP C-Voter का ताजा Survey आया है। जिसमें सीधा मुकाबला तो भाजपा और कांग्रेस के बीच बताई गई है, लेकिन दोनों के बीच वोट परसेंट में अंतर सिमटकर महज 4 फीसदी ही रह गया है। जो कि 2017 में भाजपा की प्रचंड जीत के वक्त 13 फीसद था। बीजेपी के जनाधार में गिरावट की कई वजहें हो सकती हैं, फिर भी सर्वे के इन दावों से उसकी ‘वापसी’ पर संशय के बादल मंडराते लग रहे हैं।

इस सर्वे के अनुसार उत्तराखंड में अब 40 प्रतिशत वोटर ही भाजपा के पक्ष में है। जबकि कांग्रेस की तरफ 36, आम आदमी पार्टी के पाले में 13 और अन्य के हिस्से 11 प्रतिशत है। वोट के इस टर्नआउट के लिहाज से सर्वे बीजेपी के खाते में 33 से 39, कांग्रेस के 29 से 35, आप के 1 से 3 और अन्य के 1 सीट बता रहा है। यानि की आगे अप एन डाउन की गुंजाइश बनी रहेगी।

करीब महीनेभर पहले के सर्वे में भाजपा को 36-40, कांग्रेस को 30-34 और आप को 0-2 सीट दी गई थी। अब इसमें भले ही बेहद कम अंतर रह गया, लेकिन वोटर के बदलते मिजाज के हिसाब से यह दोनों ही दलों की धड़कने बढ़ाने वाला तो माना ही जा रहा है। वहीं सर्वे के मुताबिक आप के लिए सत्ता के दरवाजे फिलहाल कोसों दूर हैं।

इन रुझानों पर यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा भले ही 60 प्लस के दावे पर को सच मानकर चल रही है, मगर स्वघोषित ‘लक्ष्य’ से पहले ‘वापसी’ के लिए भी उसके सामने जद्दोजहद की नौबत आ सकती है। कांग्रेस पास अब खोने से ज्यादा पाने का मौका है, लेकिन आप का बढ़ता खाता उसके सपनों को ठिठका भी सकता है।

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