ऋषिकेश

ट्रेनिंगः कैसे रोकें मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष

राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज में दो दिनी कार्यशाला संपन्न

रायवाला (चित्रवीर क्षेत्री)। मोतीचूर वन रेंज में दो दिनों तक चली मानव वन्यजीव संघर्ष पर कार्यशाला संपन्न हो गई। कार्यशाला में विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। साथ ही वनकर्मियों को संबंधित उपकरणों के संचालन का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया।


बृहस्पतिवार को राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की मोतीचूर रेंज परिसर में इंडो जर्मन डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा मानव वन्यजीव संघर्ष पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। रेंजर आलोकी ने बताया कि कार्यशाला के पहले दिन मानव वन्यजीव संघर्ष के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। जिसमें पार्क क्षेत्र के आसपास बढ़ते जनसंख्या घनत्व, वन्यजीवों के लिए भोजन आदि के घटते संसाधनों पर चर्चा हुई। साथ ही इस संघर्ष की रोकथाम में व्यवहारिक दिक्कतों की जानकारी जुटाई गई।


वहीं, आज आखिरी दिन वनकर्मियों को वन्यजीवों के रेस्क्यू, कैमरा ट्रैप, ट्रंकूलाइजेशन, कॉलर आईडी से निगरानी आदि का प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा उन्हें वन्यजीवों की सुरक्षा से संबंधित उपकरणों और उनके उपयोग की जानकारी भी साझा की गई।


बताया कि कार्यशाला में हरिद्वार और मोतीचूर रेंज के 38 से अधिक वन अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। उन्हें जीआइजेड के संयोजक विमर्श शर्मा, राजाजी पार्क के पशु चिकित्सक डॉ. राकेश नौटियाल, तमाली मंडल, डॉ. बांके विहारी और संदीप शर्मा ने प्रशिक्षण दिया।


कार्यशाला में वन क्षेत्राधिकारी रवासन प्रमोद ध्यानी, वन दरोगा मनोज चौहान, सुरेन्द्र जोशी, फरमान अली, अर्जुन नेगी, सोनी देवी, विनीता पांडे, वन रक्षक अश्विनी चौहान, सिद्धार्थ, संजय, आरती पंत, रश्मि बिष्ट, ममता डसीला, पूजा बिष्ट, सूरत सिंह, कुंवरपाल सिंह, अभिषेक नौटियाल, राकेश चाहने, पंकज कुमार, मोहित सैनी आदि रहे।

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