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Chhawla Murder Case: दिल्ली के छावला-नजफगढ़ की निर्भया-2 को न्याय दिलवाने की दिशा में उत्तराखंड प्रवासियों के संगठन उत्तराखंड लोकमंच ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की है। इससे पहले एक अन्य याचिका दायर की जा चुकी है। जबकि एक याचिका दिल्ली सरकार की ओर से दायर होनी शेष है। हालांकि दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले में निर्देश दे चुके हैं, लेकिन राज्य सरकार ने मामले में अभी तक पहल नहीं की है।
Kiran Negi Murder Case
अनामिका (कोर्ट का दिया नाम) के माता-पिता की मौजूदगी में लोकमंच के अध्यक्ष बृजमोहन उप्रेती, महासचिव पवन कुमार मैठाणी, उपाध्यक्ष पंचम सिंह रावत, पृथ्वी रावत, लक्ष्मी रावत, कोषाध्यक्ष आरपी चमोली, कार्यकारिणी सदस्य राजेश डंडरियाल, राकेश बुडाकोटी और शेखरचंद्र ने दाखिल की।
पवन कुमार मैठाणी ने बताया कि नजफगढ़ की निर्भया-2 के साथ निर्भया जैसी ही क्रूरता हुई थी। जिसके लिए जिला अदालत और उच्च न्यायालय ने दरिंदों को फांसी की सजा सुनायी थी। लेकिन उच्चतम न्यायालय की बेंच ने इन दरिन्दों को बरी कर दिया है। उसके माता पिता के साथ ही देश की जनता इस फैसले से दुखी है और हतप्रभ भी हैं।
उन्होंने कहा कि निर्भया-2 को न्याय मिल सके और दरिन्दों को फांसी की सजा। इसके लिए लोकमंच दिल्ली की टीम ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय पुनर्विचार याचिका स्वीकार कर निर्भया-2 को न्याय देने की दिशा में ठोस कार्यवाही करेंगे। बताया कि कुछ अन्य संगठनों द्वारा भी इसी तरह की तैयारी की जा रही है।