क्षैतिज आरक्षण में उलझन पर राज्य निर्माण सेनानी चिंतित

ऋषिकेश। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानियों 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के मामले में उलझन पैदा किए जाने पर चिंता जताई। कहा कि कुछ लोग मुख्यमंत्री के अच्छी कार्यशैली को धूमिल करना चाहते हैं। चेताया कि आरक्षण का मामला लटका तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे।
रविवार को नगर निगम परिसर स्थित स्व. इंद्रमणि बडोनी हॉल में राज्य निर्माण सेनानियों की बैठक हुई। वक्ताओं ने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री एक के बाद एक निर्णय लिए जा रहे हैं, वह कुछ लोगों को हजम नहीं हो रहा है। कहा कि क्षैतिज आरक्षण का मामला सीधा और सपाट है। होना यह चाहिए था कि जो राज्य आंदोलनकारी पूर्व से चिह्नित हैं उनके लिए एक समान नियम हो। लेकिन इस मसले पर उलझन पैदा किया जाना राज्य के हित में नहीं है।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि राज्य निर्माण सेनानियों को जो सम्मान मिलता आया है, वह आगे भी बरकरार रहना चाहिए। सरकार जो समिति बनाए वह ध्यान रखे कि चिह्नित सभी आंदोलनकारियों को 10þ क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिले। ऐसा नहीं हुआ तो राज्य निर्माण सेनानी आंदोलन को बाध्य होंगे।
बैठक में डीएस गुसाईं, गंभीर सिंह मेवाड़, बलवीर सिंह नेगी, गुलाब सिंह रावत, युद्धवीर सिंह चौहान, विशंभर दत्त डोभाल, बेताल सिंह धनी, महादेव रांगड़, राजेंद्र कोठारी, हरि सिंह नेगी, जगदंबा भट्ट, बृजेश डोभाल, धर्म सिंह रावत, मुन्नी ध्यानी, लक्ष्मी बुड़कोटी, प्रेम नेगी अंजू गैरोला, अंजू धस्माना, रेखा उनियाल, सुशीला पोखरियाल, सुशील राणा, चंद्र उनियाल आदि मौजूद थे।