उत्तराखंड

खबर छपी तो हरकत में आया ‘जल संस्थान’

शिखर हिमालय डेस्क
ऋषिकेश। हरिपुलकलां में सीवर ओवरफ्लो का मामला मीडिया में उछला तब कहीं जाकर जल संस्थान हरकत में आया। संस्थान ने सीवर चेंबरों की साफ-सफाई कराई। ग्रामीणों का कहना है कि समस्याएं इसके बाद भी बनी हुई हैं। क्षतिग्रस्त चेंबरों में दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है।

तीन दिन पहले ग्रामीणों ने सीवर के क्षतिग्रस्त होने और ओवरफ्लो की समस्या मीडिया में उठाई थी। जिसका संज्ञान लेकर जल संस्थान हरिद्वार द्वारा चेंबरों की सफाई के लिए कर्मचारियों को भेजा गया। ग्रामीणों के अनुसार चेबरों से कचरा तो निकाल लिया गया है। मगर, कई जगहों पर समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है। सड़कों पर गंदा पानी मौजूद होने से लोग मुश्किल से आवाजाही कर पा रहे हैं। रात्रि में टूटे चेंबरों के कारण दुर्घटना का डर लगातार बना हुआ है।

स्थानीय निवासी डॉ. राजे सिंह नेगी ने बताया कि टूटे हुए सीवर चेंबर का गड्ढा अभी भी खुला हुआ है। स्थानीय लोगों ने इन जगहों पर पत्थर लगाकर सुरक्षा का प्रयास किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय गाड़ियां गड्ढे में फंस रही हैं। सीवर का गंदा पानी सड़कों पर फैलने से संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

जिला पंचायत सदस्य दिव्या बेलवाल, बीडीसी विजय शर्मा, पंचायत प्रतिनिधि धर्मेंद्र ग्वाडी ने बताया कि विभाग से कई बार शिकायत के बाद भी लापरवाही बरती जाती है। कहा कि समस्या का स्थायी समाधान नही किया गया तो ग्रामीण आंदोलन को बाध्य होंगे।

इस दौरान मनीष भंडारी, शुभम कुकरेती, अजय रावत, सतीश बड़थ्वाल, विक्रांत भारद्वाज, नितिन नेगी, राम सिंह रावत, नरेन सिंह आदि मौजूद थे।

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