
• नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने की सीएम और अधिकारियों के साथ बैठक
देहरादून। उत्तराखंड के सुनियोजित विकास पर चर्चा के दौरान नीति आयोग के उपाध्क्ष डा. राजीव कुमार ने राज्य के विषयों को केंद्रीय मंत्रालयों के साथ डिस्कस करने की बात कही। साथ ही उन्होंने राज्य के संबंधित अधिकारियों को फॉलोअप को भी कहा। इसबीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आयोग से जीएसटी कंपनसेशन को जारी रखने और केद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग जनसख्या को भी शामिल करने की गुजारिश की।
शनिवार को सचिवालय स्थित वीर चंद्रसिंह गढ़वाली सभागार में आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, आयोग के वरिष्ठ सलाहकारों और राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक आयोजित हुई। डा. राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग राज्य के विकास में भागीदार है। सरकार की हरसंभव मदद की जाएगी। कहा कि विकास हेतु सेक्टर वार और समग्र प्लान बनाने की जरूरत है। जिलों में विकास की प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि निवेशकों की सहुलियत के मद्देनजर प्रक्रियागत सरलीकरण जरूरी है। किसानों की आय दोगुनी हो इसके लिए आर्गेनिक के साथ नेचुरल फार्मिंग पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कृषि में हाई वैल्यू उपज औषधीय, मसाले, फूलों की खेती और प्रत्येक ब्लॉक के एक गांव में नेचुरल फार्मिंग की सलाह भी दी।
आयोग के उपाध्यक्ष ने प्रदेश में स्कूली शिक्षा को बेहतर बताया, लेकिन उच्चशिक्षा के लिए कॉलेजों की कमी पर भी ध्यान खींचा। कहा कि राज्य में ही बेहतर उच्चशिक्षा मिलनी चाहिए। कहा कि नदियों के पुनर्जीवन पर काफी काम हो सकता हैं। आयोग नमामि गंगे से राज्य की सहायता के प्रयास करेगा। पर्यटन में स्थानीय संसाधनों का उपयोग और लोगों को जोड़ने पर जोर दिया। साथ ही इनलैंड कंटेनर डिपो के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग लेने की सलाह दी।
उन्होंने फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्रक्रिया सरल करने की जरूरत बताई। कहा कि इस बारे आयोग को भेजे सुझावों पर केंद्र से बात की जाएगी। उन्होंने नेशनल पार्को में हाथियों और टाइगर की संख्या वृद्धि पर उनकी केयरिंग कैपेसिटी के आंकलन पर सहमति जताई।
सतत विकास हमारी प्राथमिकता : धामी
बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सतत विकास और अंत्योदय हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सरलीकरण पर फोकस के साथ औद्योगिक क्षेत्र में सिंगल विंडो सिस्टम और इन्वेस्टर्स फ्रेंडली माहौल तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का जीएसटी कंपनसेशन वर्ष 2022 में समाप्त हो रहा है। इससे वित्तीय समस्या खड़ी होगी। राज्य के सीमित संसाधनों के दृष्टिगत इसे आगे भी जारी रखा जाना चाहिए। चीन और नेपाल के साथ बदलते सामरिक हालातों के मद्देनजर बार्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान में अधिक सहायता मिलनी जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना के साथ लखवाड़ व्यासी, जमरानी परियोजना, सौंग बांध और राज्य के अन्य प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी दिलाने की गुजारिश भी की। सीएम ने केंद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग पॉपुलेशन को भी शामिल करने की जरूरत भी बताई।
बैठक में नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार डा. नीलम पटेल, अनुराग गोयल, उपाध्यक्ष के निजी सचिव रवीन्द्र प्रताप सिंह, सलाहकार अविनाश मिश्रा, डा. प्रेम सिंह, सूबे की अपर मुख्य सचिव राधा रतूङी, मनीषा पंवार, आनंद बर्द्धन, सचिव नियोजन डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम आदि मौजूर रहे।