छात्रों की रूचि के अनुसार करने होंगे पाठ्यक्रम तैयार
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में आउटकम बेस्ड एजुकेशन पर कार्यशाला आयोजित

Gurukul Kangri Deemed University : हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की ओर से विभागीय आउटकम बेसड एजुकेशन के अम्बेसडर का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किया गया।
कम्प्यूटर विज्ञान के सभागार में आयोजित कार्यशाला में गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार हरियाणा के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. धर्मेन्द्र कुमार ने 47 प्रतिभागियों को आउट कम बेसड एजुकेशन की जानकारी दी। कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत अध्यापकों द्वारा नये पाठ्यक्रमों का सृजन अलग-अलग आयामों पर होना चाहिए। छात्रों में यह खोजना होगा कि उनकी रूचि विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शन, वेद और भाषाओं में है, उसी के अनुसार नये पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाए।
उन्होंने कहा कि छात्र के रूचि के अनुसार नये पाठ्यक्रम डिजाइन कर सरल रूप से छात्रों का विकास संभव होगा। कहा कि बहुत से छात्र तकनीकी क्षेत्र में कौशल को प्राप्त करना चाहते है तो अध्यापकों को उनके अनुसार पाठ्यक्रम तैयार और उसका मूल्यांकन भी करना होगा। जिससे छात्रों के व्यक्तित्व की बहुमुखी प्रतिभा को उभारा जा सके। कहा कि प्रश्न-पत्र मौलिक और सहज होने चाहिए, ताकि छात्र पाठ्यक्रम की तैयारी कर अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. विवेक कुमार ने कहा कि विवि में प्रकोष्ठ के द्वारा युवा असिस्टेंट प्रोफेसरों की टीम को प्रशिक्षण देकर पाठ्यक्रम निर्माण में पारंगत किया जाना है। ताकि विद्यार्थियों को मूल्यपरक शिक्षा दी जा सके। कहा कि यूजीसी और आईक्यूएसी द्वारा विद्यार्थी को व्यावसायिक शिक्षा, मूलपरक शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के माध्यम से उसके अन्दर कौशल का विकास करना है।
प्रकोष्ठ के उपनिदेशक डॉ. वरुण बक्शी ने कहा कि प्रत्येक प्रशिक्षण लेने से अध्यापकों के ज्ञान में वृद्धि होगी। शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यशाला में नयापन देखने को मिलेगा। बहुत सारे अध्यापकों ने आज इस कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।
उपनिदेशक डॉ उधम सिंह ने कहा कि आज की शिक्षा पद्धति आउट कम बेस्ड शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता को इंगित करती है। विश्वविद्यालयों में जिस शिक्षा को पढ़ाया जाता है उसका मूल्यांकन होना भी आवश्यक है। बच्चे के कौशल की क्षमता को बढ़ाने के लिए आउट कम बेस्ड एजुकेशन देना अत्यन्त आवश्यक है।
इस अवसर पर डॉ. बबलू वेदालंकार, डॉ. प्रिंस प्रशांत शर्मा, डॉ. निशान्त, डॉ. मंजुषा कौशिक, डॉ. सुनीता रानी, डॉ. नीना गुप्ता, डॉ. निपुर सिंह, डॉ. भगवान दास शास्त्री, डॉ. हेमन पाठक, डॉ. हिमांशु पंडित, डॉ. विपुल भट्ट, डॉ. प्रशान्त तेवतिया, डॉ. दीपक सिंह, डॉ. संगीता मदान, डॉ. वरिन्दर वर्क, डॉ. ऋचा सैनी, डॉ. बिन्दु मलिक, डॉ. मनीला, डॉ. ऋतु अरोड़ा, अंकित कृष्णात्री, पंकज कुमार आदि मौजूद थे।