Champawat By Election: चंपावत विधानसभा के उपचुनाव के लिए कांग्रेस के प्रत्याशी घोषित कर दिया है। जिसके साथ ही सियासी हलके में सवाल भी उठने लगे हैं, कि क्या कांग्रेस धामी के खिलाफ मजबूती से लड़ने के अपने ही दावे से पीछे हट गई? क्या धामी को वाकओवर दे दिया गया है?
बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने के प्रस्ताव को बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मंजूरी मिलते ही चंपावत विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। जिसके बाद चुनाव आयोग ने अन्य राज्यों में उपचुनाव साथ ही चंपावत में चुनाव का भी ऐलान किया। 4 मई को अधिसूचना जारी भी हो चुकी है। 31 मई को मतदान और 3 जून को परिणाम आएगा।
पार्टी ने धामी को विधिवत प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वह 9 मई को नामांकन दाखिल करेंगे। देरी से मगर अब कांग्रेस ने भी अपने पत्ते खोल दिए। कांग्रेस ने एक नए चेहरे पूर्व राज्यमंत्री और पूर्व जिलाध्यक्ष निर्मला गहतोड़ी को प्रत्याशी बनाया है।
विधानसभा के आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर हेमेश खर्कवाल मैदान में थे। हेमेश 2012 में इस सीट पर विधायक रह चुके हैं। उन्हें टिकट क्यों नहीं दिया गया, यह चर्चाओं का विषय बना है। हालांकि एक तर्क यह भी सामने आ रहा है कि हेमेश चुनाव में उतरने को तैयार नहीं थे।
खैर, अब जब कांग्रेस प्रत्याशी के नाम का ऐलान हो गया, तो सियासी जानकारों के बीच भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस निर्मला गहतोड़ी के पक्ष में उनके स्थानीय और महिला होने की बात पर जोर दे सकती है। फिर भी जानकार सीएम के सामने कांग्रेस के एक पूर्व राज्यमंत्री पर दांव चलने को ‘वाकओवर’ देने के तौर पर देख रहे हैं।
कांग्रेस की तरफ से अब तक पूर्व सीएम हरीश रावत, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से लेकर तमाम पार्टी प्रवक्ता चंपावत सीट पर धामी को कड़ी टक्कर देने की बात कहते रहे हैं, मगर प्रत्याशी के तौर पर एक नए चेहरे को आगे कर अब उनके दावों पर जानकार शक करने लगे हैं। हालांकि चंपावत के रण में फैसला जनता को करना है, वह किसके पक्ष में रहेगी, यह 3 जून को साफ हो जाएगा।